Rohit Sardana (News Anchor) Biography in Hindi | रोहित सरदाना (पत्रकार) का जीवन परिचय
Rohit Sardana (News Anchor) Biography in Hindi | रोहित सरदाना (टीवी एंकर) का जीवन परिचय, मृत्यु, मृत्यु का कारण, परिवार (पत्नी, पिता और बच्चे) और करियर | Rohit Sardana Biography, Daughter’s Name, Family (Father, Wife, Children), Death, Death Cause Career in Hindi
समाचार चैनल आजतक की एक मज़बूत आवाज़ और अपने तेवर, बेबाकी के लिए मशहूर वरिष्ठ पत्रकार रोहित सरदाना Rohit Sardana Biography in Hindi: रोहित सरदाना एक प्रसिद्ध भारतीय एंकर और मीडियाकर्मी थे। उन्होंने मशहूर कार्यक्रम ताल ठोक के की मेजबानी की थी। रोहित सरदाना की कोविड की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उन्हें मेट्रो अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां 30 अप्रैल, 2021 को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई।

रोहित सरदाना (पत्रकार) का जीवन परिचय
वास्तविक नाम | रोहित सरदाना |
व्यवसाय | पत्रकार |
शारीरिक संरचना | |
लम्बाई (लगभग) | से० मी०- 178 मी०- 1.78 फीट इन्च- 5’ 10” |
वजन/भार (लगभग) | 75 कि० ग्रा० |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
व्यक्तिगत जीवन | |
जन्मतिथि | 22 सितम्बर |
आयु (2017 के अनुसार) | ज्ञात नहीं |
जन्मस्थान | हरियाणा, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
गृहनगर | कुरुक्षेत्र, हरियाणा |
स्कूल/विद्यालय | गीता निकेतन आवासीय विद्यालय, कुरुक्षेत्र |
महाविद्यालय/विश्वविद्यालय | गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार |
शैक्षिक योग्यता | मनोविज्ञान में स्नातक जन संचार में परास्नातक |
डेब्यू | ज्ञात नहीं |
परिवार | पिता :- नाम ज्ञात नहीं माता :- नाम ज्ञात नहीं भाई :- 1 (कंप्यूटर साइंस इंजीनियर) बहन :- ज्ञात नहीं |
धर्म | हिन्दू |
रोहित सरदाना का आरंभिक जीवन और शिक्षा
स्कूल: गीता निकेतन आवासीय विद्यालय, कुरुक्षेत्र
कॉलेज: गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, हिसार
शैक्षिक योग्यता: B.A (Psychology), M.A. (Mass Communication)
उनके परिवार के बारे में बात करने पर पता चलता है कि उनका एक भाई है जो कंप्यूटर साइंस इंजीनियर है. रोहित सरदाना वर्तमान में शादीशुदा हैं और उनकी दो बेटियां भी हैं. एक इंटरव्यू में, रोहित सरदाना ने बताया कि उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में भी दाखिला लिया था क्योंकि वह हमेशा से अभिनेता बनना चाहते थे लेकिन दुर्भाग्य से, उन्हें एनएसडी से बाहर होना पड़ा क्योंकि वहां पर कुछ हासिल नही हो पा रहा था. यही समय था जब उन्होंने पत्रकार बनने का फैसला किया.
रोहित सरदाना का परिवार | Rohit Sardana family !!
रोहित सरदाना सैलरी / आय !!
व्यक्तिगत जीवन
रोहित बचपन से एक फिल्म अभिनेता बनना चाहते थे। लेकिन वह पत्रकारिता में आ गए उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में TEDX को बताया था कि उनका बचपन का सपना अभिनेता बनने का था। अभिनय में अपना करियर बनाने के लिए नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में प्रवेश लिया था, लेकिन बीच में ही किसी कारणवश अभिनय पाठ्यक्रम छोड़ दिया और अपने गृहनगर आ गए।
रोहित सरदाना एक हरियाणवी परिवार से है, और उसका एक बही है जो कंप्यूटर साइंस इंजीनियर है। रोहित सरदाना अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहते है। उनके साथ उनकी दो बेटियां भी हैं। रोहित सरदाना का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा है, उन्होंने इस मुकाम को प्राप्त करने के लिए अपने जीवन में काफी मेहनत की है।
रोहित सरदाना को मिलने वाले पुरस्कार
- सन्सुई बेस्ट न्यूज़ प्रोग्राम अवार्ड (2018)
- माधव ज्योति सम्मान
- सर्वश्रेष्ठ समाचार एंकर अवार्ड और कई और
- गणेश शंकर विध्यपीठ पुरुस्कार (भारत सरकार द्वारा दिया गया)
रोहित सरदाना से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
क्या रोहित सरदाना धूम्रपान करते हैं ? ज्ञात नहीं
क्या रोहित सरदाना शराब पीते हैं ? ज्ञात नहीं
उनका अभिनय के प्रति काफी लगाव था, जिसके चलते वर्ष 1997 में उन्होंने कई थिएटर किए।
अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, रोहित ने नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में जाने का मन बनाया। जब वह नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा में गए, तो उन्हें वहां की संस्कृति (रहन – सहन) पसंद नहीं आया और सात दिन की कार्यशाला को तीन दिन में ही छोड़कर घर आ गए।
इसके बाद उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में जाने का मन बनाया, क्योंकि बहुत कम लोग इस करियर को चुनते हैं और जिसके चलते मेरा टीवी स्क्रीन पर आने का सपना भी साकार हो जाएगा।
शुरुआत में उनको अपने उच्चारण का काफी अभ्यास करना पड़ा, क्योंकि मूलतः उनकी बोलचाल की भाषा हरियाणवी रही है।
रोहित ने पत्रकारिता के क्षेत्र में पहले कई समाचार पत्रों में पत्र लेखन और लेख को लिखना शुरू किया। जिसके चलते उन्हें कई प्रकाशित लेख प्राप्त हुए, जिन्होंने उनके पोर्टफोलियो बनाने में काफी सहायता की। इसके साथ – साथ वह परास्नातक की पढ़ाई भी कर रहे थे।
आख़िरकार, जब रोहित स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद हिसार में परास्नातक के लिए गए, तो वहां कक्षा में सभी से यह पूछा गया कि पत्रकारिता करने पर क्या करोगे ? तब कक्षा में सभी छात्रों ने कहा कि ” वे समाज में परिवर्तन लाना चाहते हैं।” जबकि रोहित ही एकमात्र छात्र थे जिन्होंने कहा “में सिर्फ टीवी स्क्रीन पर ही रहना चाहता हूँ।”
उनके पोर्टफोलियो को देखकर उनके एक शिक्षक ने कहा “तुम्हे पत्रकारिता के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए।” उनके इस सुझाव को ध्यान में रखते हुए, उन्होंने रेडिओ में कार्य करना शुरू कर दिया और साथ ही साथ पढ़ाई भी करने लगे। वह दोपहर के समय कक्षा में जाते थे और शाम से रात तक काम करते थे।
इसके बाद वह ईटीवी नेटवर्क में प्रशिक्षण के लिए दिल्ली गए। जहां बाद में, उन्हें कार्य करने की पेशकश की गई, जब वह अंतिम सेमेस्टर में थे। तब उन्होंने अपने शिक्षक से पूछा कि वह ईटीवी नेटवर्क में कार्य करे या नहीं।
जब वह ऑडिशन के लिए हैदराबाद गए, तो उन्हें लगा ऑडिशन हिंदी भाषा में होगा। परन्तु इन सब के विपरीत जिस पैनल ने ऑडिशन लेना था, उसमे सिर्फ एक सद्स्य था और वह भी दक्षिण भारत से था। जिसे हिंदी के बारे में बहुत कम समझ थी। उनका एक अतिरिक्त लाभ यह हुआ कि उन्हें आकाशवाणी से काफी अनुभव प्राप्त हुआ।
सबसे पहले उन्हें एक वीडियो टोस्टर संपादक के रूप में कार्यरत किया गया, जहां एक जापानी टीम ने उन्हें अगले पांच महीनों तक प्रशिक्षित किया था।
गुजरात विधानसभा के दौरान उन्होंने गुजराती भाषा सीखी और बहुत ही कम समय में काम को पूरा किया।
सरदाना के कार्य को देखते हुए, उनके वरिष्ठों ने उन्हें चाय पर बुलाया और कहा,”वह आगे कार्य नहीं कर सकते हैं क्योंकि उनके अंतिम समेस्टर का इम्तिहान होना बाकी था जिसके लिए उन्हें हिसार वापस जाना था।”
जब उन्हें 10 बजे के बुलेटिन के परीक्षण के लिए स्टूडियो बुलाया गया। तो वह कोट और टाई में स्टूडियो पहुंचे और 5 मिनट की बुलेटिन स्लॉट को आसानी से कवर कर दिया। जब वह स्टूडियो से बाहर आए तो उनके एक वरिष्ठ अधिकारी ने उनसे कहा “अब आपको रोजाना बुलेटिन के लिए आना होगा और आपको इसके लिए 400 रुपए प्रति बुलेटिन के रूप में दिया जाएगा।”
न्यूज एंकर होने के साथ-साथ वे एक स्तंभकार भी हैं। देश के बहुचर्चित मुद्दों पर डिबेट शो के साथ-साथ उन पर कई टिप्पणियां करते रहते हैं। वह कई ऐसे विवादित मुद्दों को फेसबुक के जरिए उठाते रहते हैं, जिस पर लोग मौन रहना पसंद करते हैं। बड़ी बात ये है कि रोहित मीडिया ओर टीवी एंकर्स की कार्यशैली पर भी सवाल उठाने से परहेज नहीं करते हैं।
चैनल छोड़ने के बाद रोहित का अंतिम पारितोषिक 72,000 / माह था।
वर्ष 2003 और 2004 के बीच, रोहित ने सहारा समय में सहायक निर्माता के रूप में कार्य किया।
वर्ष 2004 में, वह ज़ी न्यूज़ में चले गए, जहां उन्हें क्रिकेट आधारित समाचार और कपिल देव के साक्षात्कार का कार्य किया। जिसके चलते कपिल ने रोहित के वरिष्ठ अधिकारीयों से उनके काम की काफी सराहना करते हुए उन्हें क्रिकेट से संबंधित और शो करने की पेशकश की। रोहित को बचपन से क्रिकेट का कोई ज्ञान नहीं था। उन्होंने कपिल देव से क्रिकेट की बारीकियों की जानकारी हासिल की जैसे :- क्षेत्र रक्षण क्या होता है, शॉट्स के नाम, गेंदबाजी की शैली इत्यादि। जिसके चलते रोहित ने क्रिकेट आधारित कई शो किए, जिनमें आईसीसी विश्व कप प्रमुख है।
पत्रकारिता में बेहतरीन योगदान के लिए उन्हें बेस्ट न्यूज एंकर अवॉर्ड, माधव ज्योति सम्मान, सैनसुई बेस्ट न्यूज प्रोग्राम अवॉर्ड समेत कई पुरुस्कारों से सम्मानित किया गया है।
रोहित सरदाना की मृत्यु
रोहित सरदाना की कोविड की पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद उन्हें मेट्रो अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां 30 अप्रैल, 2021 को दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई।
मृत्यु का कारण (Death Cause)
रोहित सरदाना आज तक के लिए काम कर रहे थे. कुछ दिनों से वे अस्पताल में कोरोना संक्रमित होने के कारण भर्ती थे. इसी दौरान हृदयगति रुकने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी. 30 अप्रेल 2021 को सुबह जब उन्हें अटैक आया उसके बाद डॉक्टर उन्हें वेंटीलेटर पर भी ले गए. लेकिन डॉक्टर उन्हें नहीं बचा सके.