Essay on Lohri in Hindi लोहड़ी पर निबंध

आज हम आपके लिए लाये हैं lohri festival essay, लोहड़ी पर निबंध (Lohri par nibandh) hindi language, hindi font यानी की हिंदी भाषा में जिसमे शामिल होगी इस त्यौहार की जानकारी जैसे की समारोह, लोहड़ी परंपरा, अनुष्ठान, lohri food, लोहड़ी उत्सव, आदि| लोहरी के पर्व की आपको बहुत शुभकामना| इस पर्व पर आप अपने परिवार, रिश्तेदार, भाई, बहन, मम्मी, पापा, आदि दोस्तों के साथ शायरी, एसएमएस एवं विशेष साझा करे| ये एस्से छोटे बच्चो Kids को स्कूलों में पढ़ाया जाता है तथा उसमे हर क्लास के बच्चे लोहरी एस्से in hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 इस तरह से इंटरनेट पर सर्च करते है व स्कूलों ले प्रोग्राम में भाग लेते है, आइये देखे कुछ निबंध|

Essay on Lohri in Hindi लोहड़ी पर निबंध

लोहरी पर निबंध

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Lohri Hindi Essay लोहड़ी 13 January: भारत में अधिकतर किसानी के त्योहारों की तरह, लोहड़ी भी किसानों की फ़सल कटने पर मनाया जाने वाला उत्सव से संबंधित है। यह पंजाब में फसल कटाई के मौसम और सर्दी के मौसम के अंत के तौर पर मनाया जाता है। पंजाब के अलावा यह त्यौहार हरयाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर व दिल्ली में भी मनाया जाता है| लोहरी आमतौर पर देश के अधिकांश हिस्सों में मकर संक्रांति के रूप में जाने वाले दिन यानी की पौष के अंतिम दिन आता है। 

Essay on Lohri in Hindi लोहड़ी पर निबंध

लोहरी का इतिहास

इस दिन बहुत से स्कूल या विश्वविद्यालय में स्पीच या निबंध प्रतियोगिता होती है| आप चाहे तो इन कविताओं की मदद से जानकारी ले सकते है| आज के समय में बहुत से लोग अपने व्हाट्सप्प या फेसबुक पर festiv status लगते है| आप इन लोहरी स्टेटस को शेयर कर सकते है| पंजाबी किसान भी लोहड़ी (माघी) को वित्तीय दिवस के रूप में देखते हैं। इस समय किसान भाई फसल काटने से पहले फसल के लिए भगवान की प्रार्थना और धन्यवाद करते हैं। इस त्यौहार को पंजाब में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है, यह त्यौहार किसानों के लिए उनके प्रभु व गुरु को धन्यवाद करने का एक दिन है। चांद कैलेंडर के अनुसार लोहड़ी की रात को वर्ष की सबसे लंबी रात माना जाता है।इस साल यह त्यौहार शनिवार, 13 जनवरी 2021 को मनाया जाएगा|

लोहड़ी क्यों मनाई जाती है | Why is Lohri Celebrated

लोहरी का त्यौहार पंजाब व आसपास के प्रदेशो में खुशहाली के साथ मनाया जाता है | यह रबी फसलों की फसल काटने का अवसर है, जो कि सर्दियों में बोई गयी जाता है। तो इस त्योहार का मुख्य आकर्षण सर्दियों के भोजन जैसे सरसों का साग (सरसों दा साग), मक्के दी रोटी, तिल, रेवड़ी, गजक आदि होते हैं। तिल और गुड़ को पारंपरिक भोजन के रूप में खाया जाता है | तिल और रोरि (गुड) के शब्दों को एक साथ मिलाकर ‘तिलोही’ बनता हैं, और अंततः इस त्यौहार को लोहड़ी के नाम से जाना जाता है। अलाव इस त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अलाव अग्नि का प्रतीक है, लोग इस अलाव के चारों ओर इकट्ठा होते हैं, गीत गाते हैं और गजक, चिक्की, फूला हुआ चावल, पॉपकॉर्न, रेवड़ी, तिल के बीज, गुड़, मूंगफली और गन्ने को आग में अर्पित करते हैं। त्योहार के बाद लोग रात्रि में भोज करते है जिसमे स्वादिष्ट पकवान बने होते है जैसे की ‘सरसों का साग और मक्के की रोटी‘|

लोहड़ी पारंपरिक गीत LOHRI TRADITIONAL SONG

पंजाबी लोहड़ी गीत (Punjabi Traditional Lohri Song)

लोहड़ी आने के कई दिनों पहले ही युवा एवम बच्चे लोहड़ी के गीत गाते हैं. पन्द्रह दिनों पहले यह गीत गाना शुरू कर दिया जाता हैं जिन्हें घर-घर जाकर गया जाता हैं.इन गीतों में वीर शहीदों को याद किया जाता हैं जिनमे दुल्ला भट्टी के नाम विशेष रूप से लिया जाता हैं

सुंदर मुंदरिये, होए Sunder mundariye, Hoye तेरा की विचारा, 

होए Tera ki vichara, Hoye दुल्ला भट्टी वाला, होए Dulla bhatti vala, 

Hoye दुल्ले दी धी वियाई, होए Dulle di dhi viyai, Hoy! 

सेर शकर पाई, होए Ser shaker pai, Hoye

लोहड़ी त्यौहार पर निबंध

मकर संक्रांति से एक दिन पूर्व उत्तर भारत विशेषत: पंजाब में लोहड़ी का त्यौहार मनाया जाता है । किसी न किसी नाम से मकर संक्रांति के दिन या उससे आस-पास भारत के विभिन्न प्रदेशों में कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है । मकर संक्रांति के दिन तमिल हिंदू पोंगल का त्यौहार मनाते हैं । इस प्रकार लगभग पूर्ण भारत में यह विविध रूपों में मनाया जाता है । मकर संक्रांति की पूर्व संध्या को पंजाब, हरियाणा व पड़ोसी राज्यों में बड़ी धूम-धाम से लोहड़ी का त्यौहार मनाया जाता है । पंजाबियों के लिए लोहड़ी खास महत्व रखती है । लोहड़ी से कुछ दिन पहले से ही छोटे बच्चे लोहड़ी के गीत गाकर लोहड़ी हेतु लकड़ियां, मेवे, रेवडियां, मूंगफली इकट्ठा करने लग जाते हैं । लोहड़ी की संध्या को आग जलाई जाती है । लोग अग्नि के चारो ओर चक्कर काटते हुए नाचते-गाते हैं व आग मे रेवड़ी, मूंगफली, खील, मक्की के दानों की आहुति देते हैं । आग के चारो ओर बैठकर लोग आग सेंकते हैं व रेवड़ी, खील, गज्जक, मक्का खाने का आनंद लेते हैं । जिस घर में नई शादी हुई हो या बच्चा हुआ हो उन्हें विशेष तौर पर बधाई दी जाती है । प्राय: घर में नाव वधू या और बच्चे की पहली लोहड़ी बहुत विशेष होती है । लोहड़ी को पहले तिलोड़ी कहा जाता था । यह शब्द तिल तथा रोडी (गुड़ की रोड़ी) शब्दों के मेल से बना है, जो समय के साथ बदल कर लोहड़ी के रुप में प्रसिद्ध हो गया

Lohri par nibandh in hindi

Lohri लोहड़ी का त्यौहार खासकर प्रतिवर्ष जनवरी 13 को मनाया जाता है। यह त्यौहार मकर संक्रांति Makar Sankranti से एक दिन पहले मनाया जाता है।Lohri festival, को Sindhi लोग लाल लोई Lal Loi के नाम से मनाते हैं। भारत में यह कुछ उत्तरी राज्यों जैसे हरयाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश में भी धूम धाम से मनाया जाता है परन्तु पंजाब में इसको सबसे ज्यादा मान्यता दिया जाता है।इस दिन पारंपरिक गीतों और शानदार नृत्यों के साथ-साथ बेहेतरीन दावत भी दिए जाते हैं। इस त्यौहार को खुशियों का त्यौहार मन जाता है जिसमें सभी दुखों को भुला कर ख़ुशी और प्रेम की नयी शुरुवात होती है। इस त्यौहार की शुरुवात अग्नि की पूजा करके की जाती है।यह त्यौहार के दिन तरह-तरह के अनाज जैसे तिल की मिठाई, पॉपकॉर्न, मूंगफल्ली, और मुरमुरे को अग्नि में भेट चढ़ाया जाता है। साथ ही उस अग्नि के चारों और प्रार्थना करते हुए सभी लोग इन अनाज को अग्नि में फैंक कर भेंट करते हैं।पूजा के बाद सभी लोगों को प्रसाद में खासकर गुड, गज़क और रेवड़ी दी जाती है। किसी भी नवजात शिशु या नव विवाहित लोगों के लिए यह दिन बहुत ही मायने रखता है। वे इस दिन को बहुत ही अच्छे और पूजा के साथ इस दिन को मनाते हैं।इस दिन एक मुख्य भोजन मक्के की रोटी या बाजरे की रोटी, सरसों के साग के साथ ना होने से जैसे यह त्यौहार अधुरा सा होता है।

Short Paragraph on Lohri Festival – short Essay on Lohri – 100 words

लोहड़ी पंजाबी और हरियाणवी लोग बहुत उल्लास से मनाते हैं. यह देश के उत्तर प्रान्त में ज्यादा मनाया जाता हैं. इन दिनों पुरे देश में पतंगों का ताता लगा रहता हैं. पुरे देश में भिन्न-भिन्न मान्यताओं के साथ इन दिनों त्यौहार का आनंद लिया जाता हैं|लोहड़ी पौष माह की अंतिम रात को एवम मकर संक्राति की सुबह तक मनाया जाता हैं यह 12 अथवा 13 जनवरी को प्रति वर्ष मनाया जाता हैं. इस साल 2021 में यह त्यौहार 13 जनवरी, दिन बुधवार को मानाया जायेगा| त्यौहार भारत देश की शान हैं हर एक प्रान्त के अपने कुछ विशेष त्यौहार हैं. इन में से एक हैं लोहड़ी. लोहड़ी पंजाब प्रान्त के मुख्य त्यौहारों में से एक हैं जिन्हें पंजाबी बड़े जोरो शोरो से मनाते हैं. लोहड़ी की धूम कई दिनों पहले से ही शुरू हो जाती हैं. यह समय देश के हर हिस्से में अलग- अलग नाम से त्यौहार मनाये जाते हैं जैसे मध्य भारत में मकर संक्रांति, दक्षिण भारत में पोंगल एवम काईट फेस्टिवल भी देश के कई हिस्सों में मनाया जाता हैं. मुख्यतः यह सभी त्यौहार परिवार जनों के साथ मिल जुलकर मनाये जाते हैं जो आपसी बैर को खत्म करते हैं|

Lohri essay in written in punjabi

Lohri festival essay in punjabi : पंजाबी भाषा में निबन्ध हमने नीचे दर्शाये है| लोग मकर संक्रांति के एस्से भी सर्च करते है |

इसके अलावा लोग इस त्यौहार के बारे में lohri festival 2021 (लोहरी त्यौहार, लोहड़ी 2021) lines on lohri in punjabi language व history of lohri in punjabi language भी सर्च करते हैं|

13 ਜਨਵਰੀ ਨੂੰ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਲੋਕ ਹਰ ਸਾਲ ਬਹੁਤ ਮਿਹਨਤ ਨਾਲ ਲੋਹੜੀ ਮਨਾਉਂਦੇ ਹਨ. ਇਹ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਕੀਤਾ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਤਿਉਹਾਰ ਉਸ ਦਿਨ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਦਿਨ ਛੋਟਾ ਹੋ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਅਤੇ ਰਾਤ ਹੋਰ ਲੰਬੇ ਬਣਨ ਲੱਗਦੀ ਹੈ. ਇਹ ਤਿਉਹਾਰ ਫਸਲਾਂ ਦੇ ਤਿਉਹਾਰ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਮਨਾਇਆ ਜਾਂਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਦਿਨ ਲੋਕ ਦੁਪਹਿਰ ਦੇ ਖਾਣੇ ਵਿਚ ਦੁਪਹਿਰ ਦੇ ਖਾਣੇ ਵਿਚ ਦੁਪਹਿਰ ਦੇ ਸਮੇਂ ਦੁਪਹਿਰ ਦੇ ਸਮੇਂ ਦੁਪਹਿਰ ਦੇ ਖਾਣੇ ਵਿਚ ਮੱਥਾ ਟੇਕਦੇ ਹਨ. ਹਾਲਾਂਕਿ, ਇਹ ਪੰਜਾਬੀਆਂ ਦਾ ਮੁੱਖ ਤਿਉਹਾਰ ਹੈ ਪਰ ਭਾਰਤ ਦੇ ਕੁਝ ਉੱਤਰੀ ਰਾਜ ਵੀ ਇਸ ਤਿਉਹਾਰ ਨੂੰ ਮਨਾਉਂਦੇ ਹਨ, ਜਿਸ ਵਿੱਚ ਹਿਮਾਚਲ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ ਅਤੇ ਹਰਿਆਣਾ ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ. ਸਿੰਧੀ ਭਾਈਚਾਰੇ ਦੇ ਲੋਕ ਇਸ ਤਿਉਹਾਰ ਨੂੰ “ਲਾਲ ਲੋਈ” ਮੰਨਦੇ ਹਨ. ਦੁਨੀਆ ਦੇ ਵੱਖ ਵੱਖ ਹਿੱਸਿਆਂ ਵਿਚ ਰਹਿ ਰਹੇ ਪੰਜਾਬੀ ਲੋਕ ਵੀ ਲੋਹੜੀ ਨੂੰ ਉਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦਾ ਉਤਸ਼ਾਹ ਨਾਲ ਮਨਾਉਂਦੇ ਹਨ.

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