World Food Prize (विश्व खाद्य पुरस्कार) 2020 - इतिहास, महत्व
विश्व खाद्य पुरस्कार | विश्व खाद्य पुरस्कार 2020 | World Food Prize (विश्व खाद्य पुरस्कार) 2020 - इतिहास, विश्व खाद्य पुरस्कार महत्व
विश्व खाद्य पुरस्कार के बारे में
विश्व खाद्य पुरस्कार की स्थापना 1986 में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नॉर्मन बोरलॉग द्वारा की गई थी. यह फाउंडेशन अमेरिका के डेस मोइनेस, आयोवा में स्थित है और इस पुरस्कार के पहले विजेता भारतीय कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन हैं जिन्हें साल 1987 में पुरस्कृत किया गया था. एमएस स्वामीनाथन को भारत की हरित क्रांति का जनक माना जाता है.
विश्व खाद्य पुरस्कार उन लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है, जिन्होंने दुनिया में भोजन की गुणवत्ता, मात्रा या उपलब्धता में सुधार के लिए असाधारण उपलब्धियां हासिल की हैं. इस पुरस्कार की स्थापना 1986 में 1970 के नोबेल शांति पुरस्कार के प्राप्तकर्ता डॉo नॉर्मन ईo बोरलॉग के द्वारा की गई थी. तब से, विश्व खाद्य पुरस्कार ने 49 उत्कृष्ट लोगों को सम्मानित किया है, जिन्होंने दुनिया भर में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इसके बारें में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप www.worldfoodprize.org पर विजिट कर सकते हैं.
मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर रतन लाल को 2020 का विश्व खाद्य पुरस्कार
मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर रतन लाल ने कहा कि वर्ष 2020 का विश्व खाद्य पुरस्कार पाकर बहुत खुश हूं. मुझे दुनिया भर के किसानों के लिए काम करने का विशेष अवसर व सम्मान मिला.
भारतीय मूल के अमेरिकी मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर रतन लाल को हाल ही में कृषि क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के बराबर माने जाने वाले प्रतिष्ठित 'विश्व खाद्य पुरस्कार' से सम्मानित किया गया है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने मिट्टी विज्ञान में अपने शोध की सराहना करते हुए कहा कि वे दुनिया भर के लाखों छोटे किसानों की मदद कर रहे हैं.
विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेशन ने 11 जून 2020 को एक बयान में कहा कि डॉक्टर लाल ने चार महाद्वीपों तक फैले और अपने पांच दशक से अधिक के करियर में मिट्टी की गुणवत्ता को बचाए रखने की नवीन तकनीकों को बढ़ावा देकर 50 करोड़ से अधिक छोटे किसानों की आजीविका को लाभ पहुंचाया है.