What Is Depression, Its Causes, Symptoms, Types And Treatments In Hindi - डिप्रेशन के बारे में रोचक तथ्य
Depression अब इतनी common illness हो चुकी है कि इसे “common cold of mental illness” भी कहते हैं.
डिप्रेशन(Depression) के लक्षण(symptoms), कारण (causes), इलाज(treatment) से जुड़ी हर पहलू का इस तरह करें पता। डिप्रेशन सिर्फ देखने में छोटा सा शब्द है लेकिन यह आगे चलकर कितना घातक बन जाए किसी को पता नहीं होता है। यह ऐसी बीमारी जिसके शुरुआती लक्षणों से आपको बिल्कुल पता नहीं चलने वाला कि आप डिप्रेशन का शिकार है लेकिन धीरे-धीरे आपके हाव-भाव बदलने लगते हैं, आपको लग सकता है ये नॉर्मल है लेकिन एक समय के बाद कुछ नॉर्मल नहीं रहता बल्कि आपके शरीर और दिमाग में तालमेल बिगड़ने लगती है।
डिप्रेशन के ज्यादातर मामलों में किसी इंसान का लगाव उसके जीवन साथी के प्रति बहुत ज्यादा होता है। उससे वियोग या बिछोह होने पर उपजने वाले डिप्रेशन में मरीज खुद को लाचार और निराश महसूस करता है।
डिप्रेशन के शिकार इंसान के लिए सुख, शांति, सफलता, खुशी यहां तक कि संबंध भी बेमानी होने लगते हैं। वह इंसान संबंधों में बेईमानी का उत्तर अपने उग्र स्वभाव, गाली गलौज व अत्यधिक शंकालु स्वभाव से देने की कोशिश करता है। डिप्रेशन के दौरान उसे सभी जगह निराशा, तनाव, अशांति और अरुचि की मौजूदगी समझ आने लगती है।
हालांकि लोगों को डिप्रेशन का अनुभव कई अलग तरीकों से हो सकता है। ये आपके रोजमर्रा के कामों को प्रभावित कर सकता है। इसकी वजह से काम करने की क्षमता प्रभावित होने लगती है। ये आपके रिश्तों और कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं पर भी असर डाल सकता है।
डिप्रेशन के कारण जिन बीमारियों का बुरा असर हो सकता है। उनमें शामिल हैं :
डिप्रेशन मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है :
डॉक्टर या मनोवैज्ञानिक को क्लिनिक में इस बीमारी का पता लगाने के लिए मरीज के साथ कई बार काउंसिलिंग करनी पड़ सकती है। 2 हफ्ते के अंतराल में अगर निम्नलिखित में से 5 या उससे ज्यादा लक्षण दिखने पर आपको डिप्रेशन के इस प्रकार से प्रभावित होना माना जा सकता है। जैसे,
डॉक्टर इस किस्म के डिप्रेशन की पहचान के लिए कम से कम मरीज के दो साल के अनुभवों का अध्ययन करते हैं। पीडीडी आपके जीवन को मेजर डिप्रेशन से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि ये ज्यादा लंबे समय तक मरीज को परेशान करता रहता है।
पीडीडी से प्रभावित मरीजों के सामान्य लक्षणों में शामिल है :
2.महिलाओं के डिप्रेशन में जाने के चांस मर्दों के मुकाबले 2 गुणा ज्यादा होते हैं.
3.Antidepressants डिप्रेशन ठीक करने में 46%-54% तक कारगर होते हैं जबकि Placebos 31%-38% तक कारगर होते हैं.
4.तनाव की वजह से आप 3 से 4 गुना ज़्यादा सपने देखने लगते हैं.
5.तनाव आपको जल्दी बूढ़ा बना सकता हैं.
6.अमेरिका में हर 8 में से 1 आदमी डिप्रेशन से पीड़ित हैं.
7.Comedian और मजाकिया लोग ज्यादा डिप्रेशन में रहते हैं.
8.जो लोग इंटरनेट पर ज़्यादा वक़्त बिताते हैं उनके depression में जाने, अकेला महसूस करने और पागल होने के चांसेस ज़्यादा होते हैं.
9.1945 के मुकाबले आज 10 गुना ज्यादा लोग तनाव में रहने लगे हैं.
10. Iceland में सबसे ज्यादा लोग डिप्रेशन में रहते हैं.
11.अब्राहिम लिंकन डिप्रेशन के शिकार थे और अपने साथ चाकू रखने से बचते थे. उन्हें डर लगता था की कहीं वे खुद को ही न मार लें.
12.हाथी और चिम्पांज़ी में भी डिप्रेशन और तनाव के लक्षण पाये गए हैं.
13.France में हर 5 में से 1 व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हैं.
14.डिप्रेशन में होने पर आपका दिमाग आप पर चालें चलने लगता हैं. ये आप में आत्महत्या का ख्याल भी बना सकता हैं. डिप्रेशन से बच कर रहें.
15.डिप्रेशन से बचने के लिए जो दो सबसे उम्दा तरीके बतलाए जाते हैं उनमें से एक जिम में कसरत करना और दूसरा पालतू जानवरों के साथ वक्त बिताना है। आपको अपने दिमाग को तंदरूस्त और मजबूत रखने के लिए कम से कम एक पालतू पशु रखना चाहिए।
16.डिप्रेशन आपको स्वार्थी बनाता हैं. दुःखी होने पर किसी और के बारे में सोचना मुश्किल होता हैं विवेक से काम लें और खुश रहने के तरीके अपनाएँ.
17.Depression की वजह से आप 65% समय तो चिंता में गुजार देते हैं.
18.लगातार चिड़चिड़ापन डिप्रेशन का लक्षण हो सकता हैं। अगर आप दुनिया, अपनी ज़िन्दगी और अपने चाहने वालों से परेशान है तो हो सकता है की ये आपके दिमाग का फितूर हो.
19.डिप्रेशन आपके चाहने वालों के लिए भी उतना ही खतरनाक है जितना की आपके लिए.
20.हर साल अमेरिका में 2 करोड़ नए लोग depression के शिकार हो जाते हैं.
21.तनाव वाला दिमाग चीजों को अलग तरह से देखता हैं.
22.18 से 33 साल की उम्र तक आदमी सबसे ज्यादा तनाव में रहता हैं.
23.सिगरेट पीने वाले लोग, सिगरेट न पीने वाले और सिगरेट पीना छोड़ चुके लोगों की तुलना में अधिक तनाव ग्रस्त होते हैं.
24.देर रात तक कंप्यूटर पर काम आंखों, नसों और दिमाग में तनाव पैदा करता हैं.
25.ठन्डे पानी से नहाने से त्वचा अच्छी रहती है और तनाव दूर होता हैं.
26.तनाव में रहने वाला व्यक्ति खुद से ही झूठ बोलने की आदत पाल लेता है। आप चीजों से बचने की कोशिश करने लगते हैं या आप परिस्थितियों का सामने करने से कतराने लगते हैं.
27.80% depression पीड़ितों को इलाज नहीं मिल पाता हैं.
28.Depressed लोगों को सर्दी ज़ुकाम लगने के चांसेस non-depressed लोगों के मुक़ाबले ज़्यादा होते हैं.
29.आधी उम्र होने के बाद testosterone की कमी की वजह से मर्दों के depression में जाने के चांसेस बढ़ जाते हैं.
30.मनोचिकित्सक कहते हैं कि तनाव या अवसाद के चलते आप ज्यादा सोचने लगते हैं और हमारा दिमाग उन समस्याओं को ईजाद कर लेता है जो पहले तक नहीं थीं.
31.आपको हफ्ते में कम से कम 2 से तीन बार सूर्योदय और सूर्यास्त को देखना चाहिए। आपको इससे तनाव से लड़ने में काफी मदद मिलेगी। यह एक मुफ्त और किफायती इलाज हैं.
32.वीडियो गेम खेलकर भी आप अपने तनाव से काफी हद तक मुक्ति पा सकते हैं। अगर कोई खेल आपको सकून देता है तो यह कतई न सोचें कि आप वक्त जाया कर रहे हैं.
33.Sex करने से तनाव कम होने के साथ-साथ सिर दर्द भी गायब हो जता हैं.
34.रात को अच्छी नींद लेने से तनाव को कुछ हद तक रोका जा सकता हैं.
35.गुस्से को Control करने के लिए आवश्यक है कि गहरी सांस लें और फिर बाहर निकालें. इस Process से Nervous System Active हो जाता है, जिससे दिल की गति धीमी हो जाती है. इससे तनाव और क्रोध कम होने लगता है. इसीलिए जब भी क्रोध आए तो तीन बार जोर से सांस लें और बाहर छोड़ दें.
36.आधा घंटा पौधों की देखभाल करने से मानसिक तनाव, mental stress से उतनी ही मुक्ति मिलती है, जितना कमरे में एक Interesting book का Study करने से मिलती हैं.
37.अगर आप को गुस्सा आ रहा है, तो अपने हाथों को एक दूसरे के साथ रगड़ें. ऐसा करने से आप के हाथ गर्म होंगे और क्रोध के समय Nervous System में तेजी से बढ़ता रक्त प्रवाह Slow हो जाएगा.
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डिप्रेशन(Depression) के लक्षण(symptoms), कारण (causes), इलाज(treatment) से जुड़ी हर पहलू का इस तरह करें पता। डिप्रेशन सिर्फ देखने में छोटा सा शब्द है लेकिन यह आगे चलकर कितना घातक बन जाए किसी को पता नहीं होता है। यह ऐसी बीमारी जिसके शुरुआती लक्षणों से आपको बिल्कुल पता नहीं चलने वाला कि आप डिप्रेशन का शिकार है लेकिन धीरे-धीरे आपके हाव-भाव बदलने लगते हैं, आपको लग सकता है ये नॉर्मल है लेकिन एक समय के बाद कुछ नॉर्मल नहीं रहता बल्कि आपके शरीर और दिमाग में तालमेल बिगड़ने लगती है।
डिप्रेशन क्या है? (What Is Depression?)
अवसाद या डिप्रेशन का संबंध मनोविज्ञान में मन की भावनाओं से जुड़े दुखों से होता है। इसे रोग या सिंड्रोम माना जाता है। अधिकतर मामलों में स्थिति तब ज्यादा गंभीर समझी जाती है जब इसका संबंध किसी शख्स के असफल प्रेम संबंधों से होता है।डिप्रेशन के ज्यादातर मामलों में किसी इंसान का लगाव उसके जीवन साथी के प्रति बहुत ज्यादा होता है। उससे वियोग या बिछोह होने पर उपजने वाले डिप्रेशन में मरीज खुद को लाचार और निराश महसूस करता है।
डिप्रेशन के शिकार इंसान के लिए सुख, शांति, सफलता, खुशी यहां तक कि संबंध भी बेमानी होने लगते हैं। वह इंसान संबंधों में बेईमानी का उत्तर अपने उग्र स्वभाव, गाली गलौज व अत्यधिक शंकालु स्वभाव से देने की कोशिश करता है। डिप्रेशन के दौरान उसे सभी जगह निराशा, तनाव, अशांति और अरुचि की मौजूदगी समझ आने लगती है।
हालांकि लोगों को डिप्रेशन का अनुभव कई अलग तरीकों से हो सकता है। ये आपके रोजमर्रा के कामों को प्रभावित कर सकता है। इसकी वजह से काम करने की क्षमता प्रभावित होने लगती है। ये आपके रिश्तों और कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं पर भी असर डाल सकता है।
डिप्रेशन के कारण जिन बीमारियों का बुरा असर हो सकता है। उनमें शामिल हैं :
- आर्थराइटिस (Arthritis)
- अस्थमा (Asthma)
- कार्डियोवेस्क्युलर बीमारियां (Cardiovascular Disease)
- कैंसर (Cancer)
- डायबिटीज (Diabetes)
- मोटापा (Obesity) आदि।
डिप्रेशन के प्रकार (Types Of Depression)
डिप्रेशन को लक्षणों की गंभीरता के आधार पर कई श्रेणियों में बांटा जा सकता है। कुछ लोगों को हल्के और अस्थायी किस्म के डिप्रेशन का सामना करना पड़ता है तो, कुछ लोगों को गंभीर और लगातार तकलीफ देने वाले सिलसिलेवार डिप्रेशन का अनुभव करना पड़ता है।डिप्रेशन मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है :
- प्रमुख अवसादग्रस्तता विकार (Major Depressive Disorder)
- सतत अवसादग्रस्तता विकार (Persistent Depressive Disorder)
1. प्रमुख अवसादग्रस्तता विकार (Major Depressive Disorder)
मेजर डिप्रेसिव डिसऑर्डर या प्रमुख अवसादग्रस्तता विकार, डिप्रेशन का सबसे गंभीर प्रकार है। डिप्रेशन की इस किस्म में लगातार- उदासी
- निराशा
- नाकाबिल
डॉक्टर या मनोवैज्ञानिक को क्लिनिक में इस बीमारी का पता लगाने के लिए मरीज के साथ कई बार काउंसिलिंग करनी पड़ सकती है। 2 हफ्ते के अंतराल में अगर निम्नलिखित में से 5 या उससे ज्यादा लक्षण दिखने पर आपको डिप्रेशन के इस प्रकार से प्रभावित होना माना जा सकता है। जैसे,
- दिन के ज्यादातर वक्त में अवसादग्रस्त रहना (Feeling Depressed Most Of The Day)
- रोजमर्रा के कामों में रुचि कम हो जाना (Loss Of Interest In Most Regular Activities)
- अचानक वजन कम होना या बढ़ना (Significant Weight Loss Or Gain)
- बहुत ज्यादा या कम नींद लेना (Sleeping Too Much Or Not Being Able To Sleep)
- कम सोच पाना या धीमी गति से चल पाना (Slowed Thinking Or Movement)
- दिन के ज्यादातर वक्त में थकान महसूस होना (Fatigue Or Low Energy Most Days)
- खुद के बेकार होने या ग्लानि का अनुभव करना (Feelings Of Worthlessness Or Guilt)
- ध्यान केंद्रित न कर पाना या दुविधा में रहना (Loss Of Concentration Or Indecisiveness)
- लगातार मौत या आत्महत्या के बारे में सोचना (Recurring Thoughts Of Death Or Suicide)
- असामान्य फीचर्स (Atypical Features)
- चिंता की समस्या (Anxious Distress)
- मिश्रित फीचर्स (Mixed Features)
- मौसमी पैटर्न (Seasonal Patterns)
- उदासी के फीचर्स (Melancholic Features)
- मनोवैज्ञानिक फीचर्स (Psychotic Features)
- विचित्र मानसिक व्यवहार (Catatonia)
2. सतत अवसादग्रस्तता विकार (Persistent Depressive Disorder)
सतत अवसादग्रस्तता विकार या पर्सिसटेंट डिप्रेसिव डिसऑर्डर (Persistent Depressive Disorder) या पीडीडी (PDD) को अक्सर डिस्थीमिया (Dysthymia) भी कहा जाता है। ये हल्का, लेकिन गंभीर किस्म का डिप्रेशन है।डॉक्टर इस किस्म के डिप्रेशन की पहचान के लिए कम से कम मरीज के दो साल के अनुभवों का अध्ययन करते हैं। पीडीडी आपके जीवन को मेजर डिप्रेशन से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है क्योंकि ये ज्यादा लंबे समय तक मरीज को परेशान करता रहता है।
पीडीडी से प्रभावित मरीजों के सामान्य लक्षणों में शामिल है :
- रोजमर्रा के कामों में रुचि खत्म होना (Lose Interest In Normal Daily Activities)
- नाउम्मीद हो जाना (Feel Hopeless)
- काम करने की क्षमता घट जाना (Lack Productivity)
- आत्मसम्मान में कमी आना (Have Low Self-Esteem)

अवसाद के लक्षण ?Symptoms & Signs of Depression in Hindi
यदि आपको नीचे दिए गए symptoms में से एक या अधिक आपके साथ match करते दीखते हैं तो आपके depressed होने की सम्भावना है:
थकान
मन अच्छा तो तन चंगा. जब दिमाग ही ठीक से काम नहीं कर रहा होगा, तो वह शरीर को कैसे संभालेगा. इसलिए डिप्रेशन से गुजर रहे लोग कई बार ज्यादा थका हुआ महसूस करते हैं।नींद में गड़बड़
डिप्रेशन कई तरह के होते हैं, इसलिए नींद का कोई एक पैट्रन नहीं होता. कुछ लोग अवसाद के कारण रात रात भर नहीं सो पाते. इसे इंसॉम्निया कहा जाता है. तो कुछ जरूरत से ज्यादा सोने लगते हैं।पीठ में दर्द
हमारी रीढ़ की हड्डी गर्दन से ले कर कूल्हे तक शरीर को संभालती है. ज्यादा तनाव से यह प्रभावित होती है और पीठ का दर्द शुरू होता है. कई लोगों को लगातार सर में दर्द भी रहता है जो दवाओं से भी दूर नहीं होता।चिड़चिड़ापन
किसी के चिड़चिड़ेपन का मजाक उड़ाना बहुत आसान है. औरतों को "उन दिनों" का ताना मिल जाता है, तो मर्दों को बीवी से लड़ाई का. लेकिन यह इससे कहीं ज्यादा हो सकता है।एकाग्रता की कमी
अगर दिमाग को कंप्यूटर मान लिया जाए, तो समझिए कि डिप्रेशन में उसका प्रोसेसर ठीक से काम नहीं कर पाता. आप एक काम पर टिक नहीं पाते, छोटी छोटी बातें भूलने लगते हैं।गुस्सा
गुस्से और चिड़चिड़ेपन में फर्क होता है. डिप्रेशन के दौरान इंसान काफी तनाव से गुजरता है. वह सिर्फ सामने वाले पर ही नहीं, खुद पर भी गुस्सा हो जाता है. झगड़ने की जगह उस व्यक्ति को समझने, उससे बात करने की कोशिश करें।डर
किसी के डर को निकालने के लिए उसे तर्क समझाने लगेंगे तो कोई फायदा नहीं होगा. अवसाद से गुजर रहा व्यक्ति तर्क नहीं समझता. उसे किसी भी चीज से डर लग सकता है, अंधेरे से, बंद कमरे से, ऊंचाई से, अंजान लोगों से।खराब हाजमा
आप सोच रहे होंगे कि भला दिमाग का हाजमे से क्या लेना देना हो सकता है? याद कीजिए बचपन में परीक्षा के डर से कैसे पेट खराब हो जाया करता था. डिप्रेस्ड इंसान हर वक्त उसी अनुभव से गुजरता है।सेक्स में रुचि नहीं
मर्दों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन आम होता है. परेशानी की बात यह है कि यह किसी दुष्चक्र जैसा है क्योंकि अपने पार्टनर की उम्मीदों पर खरा ना उतरना भी डिप्रेशन की वजह बन सकता है।बुरे ख्याल
डिप्रेशन से गुजर रहे लोग अक्सर अपनी या दूसरों की जान लेने के बारे में सोचते हैं. यहां तक कि नींद में भी उन्हें बुरे ख्याल आते हैं. कई बार इन बुरे सपनों के डर से भी वे सो नहीं पाते।(Dengue: यह हैं डेंगू से बचने के घरेलू नुस्खे)मदद
बहुत जरूरी है कि डिप्रेस्ड इंसान की मदद की जाए. डॉक्टर के पास जाने और दवाई से हरगिज परहेज नहीं करना चाहिए। जिस तरह किसी भी शाररिक बीमारी को ठीक करने के लिए दवा और प्यार दोनों की जरूरत पड़ती है, ठीक वैसा ही मानसिक बीमारी के साथ भी होता है।डिप्रेशन में किसी प्रकार की मदद के लिए 24X7 Helpline: 1800 233 3330
पुरूषों में अवसाद :
Depressed पुरुषों में ऐसी ही महिलाओं की अपेक्षा कम निराशा और self-hatred देखी जाती है. इसकी जगह वो थके होने, चिडचिड़ा होने, नीद ना आने ,काम में मन ना लगने जैसी शिकायतें करते हैं. अवसाद के कुछ और लक्षण जैसे कि गुस्सा आना, आक्रामक होना, हिंसा करना , लापरवाह होना और अधिक शराब पीना भी ऐसे पुरुषों में देखे जा सकते हैं. हालांकि महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा depressed होने के chances double होते हैं पर पुरुषों में आत्महत्या की प्रवित्ति ज्यादा होती है.
महिलाओं में अवसाद :
महिलाओं में पुरुषों की अपेक्षा depressed होने के chances double होते हैं, इसकी कुछ वजहें hormones से related होती हैं, खासतौर से premenstrual syndrome (महावारी पूर्व सिंड्रोम PMS), premenstrual dysphoric disorder (PMDD), postpartum depression, and perimenopausal depression. महिलाओं में depression के लक्षण ज्यादा खाने, ज्यादा सोने, weight बढ़ने , अपराध-बोध होने , निराश होने के रूप में नज़र आते हैं.
अवसाद के कारण / Cause of Depression in Hindi
कुछ बीमारीओं के सटीक कारण होते हैं, जिससे उनका इलाज़ आसान हो जाता है. Diabetes (मधुमेह) है तो insulin ले लीजिये, appendicitis (पथरी) है तो surgery करा लीजिये. लेकिन depression थोड़ी जटिल बीमारी है. ये सिर्फ मस्तिष्क में हो रहे chemical imbalance की वजह से ही नहीं बल्कि कोई अन्य जैविक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारणों से भी हो सकता है. दुसरे शब्दों में कहें तो ये आपकी lifestyle, आपकी relations, आप समस्याओं को कैसे handle करते हैं, इन बातों की वजह से भी हो सकता है. पर कुछ factors depression होने के chances बढ़ा देते हैं:
- अकेलापन
- Social support की कमी
- वित्तीय समस्याएं
- हाल में हुए तनावपूर्ण अनुभव
- वैवाहिक या अन्य रिश्तों में खटास
- खराब बचपन
- शराब या अन्य नशीली दवाओं का सेवन
- बेरोजगारी
- Work pressure
- ठीक से नींद न आना
- कम भूख लगना
- अपराध बोध होना
- हर समय उदास रहना
- आत्मविश्वास में कमी
- थकान महसूस होना और सुस्ती
- उत्तेजना या शारीरिक व्यग्रता
- मादक पदार्थों का सेवन करना
- एकाग्रता में कमी
- ख़ुदकुशी करने का ख़्याल
- किसी काम में दिलचस्पी न लेना
- माता-पिता की उम्मीदों पर खरा उतरने का दबाव,
- शिक्षा और रोजगार का दबाव
- पारिवारिक समस्याएं
- रिलेशनशिप की समस्याएं
- हॉर्मोन्स में बदलाव और किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होना.
- किसी काम में अगर उम्मीद के मुताबिक सफलता न मिले या वह काम बिगड़ जाए.
- कर्ज में डूबने की स्थिति में भी व्यक्ति डिप्रेशन में चला जाता है.
Depression का सही कारण समझना उसके इलाज को आसान बना सकता है. जैसे कि यदि कोई अपनी नौकरी से परेशान होने की वजह से depression में जा रहा है तो उसके लिए किसी antidepressant लेने की जगह कोई अन्य अच्छी नौकरी या रोजगार कहीं ज्यादा फायदेमंद हो सकता है. यदि आप अकेलेपन की वजह से परेशान हैं तो दोस्तों के साथ वक़्त बिताना या कोई अच्छी hobby pursue करना आपके लिए ज्यादा लाभदायक हो सकता है. ऐसे cases में परिस्थितियां बद्लालने मात्र से अवसाद से छुटकारा पाया जा सकता है.
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Get rid of depression तनाव से छुटकारा / Depression Treatment in Hindi
जिस प्रकार अलग अलग लोगों में depression के लक्षण और कारण अलग अलग होते हैं, उसी प्रकार इससे पार पाने के तरीके भी अलग अलग होते हैं.जो उपाय एक व्यक्ति के लिए काम कर जाये वो दुसरे के लिए भी करे ऐसा ज़रूरी नहीं है, और ज्यादातर cases में इलाज कि कोई एक विधि पर्याप्त नहीं होती. यदि आपको खुद में या आपके किसी शुभचिंतक में अवसाद के लक्षण नज़र आते हैं तो treatment options को explore करने में कुछ वक़्त लगाइए. अधिकतर मामलों में सबसे बढिए approach इन उपायों का combination होती हैं : social support, lifestyle changes, emotional skills building, and professional help.
1.सेहतमंद खाएं और रोज़ाना व्यायाम करें
सेहतमंद और संतुलित खानपान से मन ख़ुश रहता है. वहीं कई वैज्ञानिक शोध प्रमाणित करते हैं कि व्यायाम अवसाद को दूर करने का सबसे अच्छा तरीक़ा है. जब हम व्यायाम करते हैं तब सेरोटोनिन और टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन्स रिलीज़ होते हैं, जो दिमाग़ को स्थिर करते हैं. डिप्रेशन को बढ़ाने वाले विचार आने कम होते हैं. व्यायाम से हम न केवल सेहतमंद बनते हैं, बल्कि शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
2.मदद मांगिये:
यदि आपको लगता है कि आप depression में जा रहे हैं या already depressed हैं तो इस बात को छुपाइये नहीं, और ना ही सिको लेकर हीन महसूस कीजिये क्योंकि depression एक बहुत ही common illness है , और इसका उपचार पूर्णतः संभव है. इसे छिपाना इसे बढ़ावा देने जैसा है , अपने घर-परिवार में इसको discuss कीजिये , अपने अभिन्न मित्रों से भी सलाह मशविरा कीजिये. यदि कोई ना हो तो आप सीधे किसी psychologist से भी मिल सकते हैं.
3. अपने अंदर के लेखक को दोबारा जगाएं
कहते हैं मनोभावों को यदि आप किसी से व्यक्त नहीं कर सकते तो पेन और पेपर लेकर उन्हें लिख डालें. लिखने से अच्छा स्ट्रेस बस्टर शायद ही कुछ और हो. इसके अलावा अपनी लिखने से आत्मनिरीक्षण और विश्लेषण करने में मदद मिलती है. डायरी लिखने से लोग चमत्कारी ढंग से डिप्रेशन से बाहर आते हैं. इन दिनों ब्लॉग्स का भी ऑप्शन है. आप फ़ेसबुक पर भी अपने विचार साझा कर सकते हैं.
4. दोस्तों से जुड़ें और नकारात्मक लोगों से दूरी बनाएं
अच्छे दोस्त आपके मूड को अच्छा बनाए रखते हैं. उनसे आपको आवश्यक सहानुभूति भी मिलती है. वे आपकी बातों को ध्यान से सुनते हैं. डिप्रेशन के दौर में यदि कोई हमारे मनोभावों को समझे या धैर्य से सुन भी ले तो हमें अच्छा लगता है. दोस्तों से जुड़ने के साथ-साथ आप उन लोगों से ख़ुद को दूर कर लें, जो नकारात्मकता से भरे होते हैं. ऐसे लोग हमेशा दूसरों का मनोबल गिराने का काम करते हैं.
5. नौकरी की करें समीक्षा
इन दिनों कार्यस्थलों पर कर्मचारियों को ख़ुश रखने की बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, पर कई जगहों पर वास्तविकता इससे अलग होती है. यदि आप भी कार्यस्थल पर स्ट्रेस्ड महसूस करते हैं तो अपनी नौकरी की समीक्षा करें. हो सकता है कि नौकरी ही आपकी चिंता की वजह हो, जो आगे चलकर अवसाद का कारण बन जाए. ऐसी नौकरी को छोड़ दें, ताकि सुकून से जी सकें. वह नौकरी ही क्या जो आपको संतुष्टि और ख़ुशी न दे रही हो? आप अपने पसंद के क्षेत्र में नौकरी के विकल्प तलाश सकते हैं.
6. नियमित रूप से छुट्टियां लें
एक ही ऑफ़िस, शहर और दिनचर्या भी कई बार बोरियत पैदा करनेवाले कारक होते हैं, जो आगे नकारात्मक विचार और फिर डिप्रेशन पैदा करते हैं. माहौल बदलते रहने से नकारात्मक विचारों को दूर रखने में मदद मिलती है. यदि लंबी छुट्टी न मिल रही हो तो सप्ताहांत पर ही कहीं निकल लें. रिसर्च कहते हैं कि नियमित रूप से छुट्टी पर जाने वाले लोग, लगातार कई सप्ताह तक काम में लगे रहने लोगों की तुलना में बहुत कम अवसादग्रस्त होते हैं.
7. नींदभर सोएं
एक अच्छी और पूरी रात की नींद हमें सकारात्मक ऊर्जा से भर देती है. अध्ययनों से पता चला है कि रोज़ाना 7 से 8 घंटे सोने वाले लोगों में अवसाद के लक्षण कम देखे जाते हैं. इसलिए व्यस्तता के बावजूद अपनी नींद से समझौता न करें.
8. हल्का-फुल्का म्यूज़िक सुनें
जब लोग अवसादग्रस्त होते हैं तो अच्छा संगीत सुनकर उन्हें अच्छा लगता है. यह तथ्य कई वैज्ञानिक शोधों द्वारा प्रमाणित हो चुका है. तो जब भी मानसिक रूप से परेशान हों तो अपना पसंदीदा गाना सुनें. संगीत में मूड बदलने, मन को अवसाद से निकालने की अद्भुत ताक़त होती है. वैसे आप एक चीज़ का ख़्याल रखें, ज़रूरत से ज़्यादा ग़म में डूबे हुए गाने न सुनें, क्योंकि ऐसा करने से आपका डिप्रेशन अगले लेवल पर पहुंच जाएगा.
9. पुरानी बातों के बारे में न सोचें
अपनी पुरानी भूलों और ग़लतियों का शिकवा करना आपको पूरी तरह से अवसाद के चंगुल में फंसा सकता है. एक तो पुरानी बातें आपके नियंत्रण में नहीं होतीं. फिर उस बारे में सोच-सोचकर क्या फ़ायदा? आप बेवजह अपने दिलोदिमाग़ पर गिल्ट का बोझ बढ़ाते हैं. पुरानी बातों के बारे में सोचने के बजाय आज पर फ़ोकस करें.
10. ख़ुद को लोगों से दूर न करें
जब आप अवसादग्रस्त होते हैं तब ख़ुद को दुनिया से दूर कर लेना सबसे आसान और ज़रूरी समाधान लगने लगता है. क्योंकि आपको लगता है कि आपकी समस्या को कोई दूसरा नहीं समझ सकता. लेकिन ख़ुद को लोगों से काटकर आप अवसाद को फलने-फूलने का मौक़ा उपलब्ध कराते हैं. यदि आप अपने दोस्तों और क़रीबियों से अपनी समस्या साझा नहीं कर सकते तो किसी मनोचिकित्सक से सलाह लें. इससे अवसाद की जड़ तक जाने और इसे दूर करने में मदद मिलेगी.
रोजाना सूरज की रोशनी में कुछ देर बैठें. बाहर टहलने जाएं. दोस्तों से बातें करें. अपने काम का पूरा हिसाब रखें.
दिन भर में आप कितना काम करते हैं और किस गतिविधि को कितना समय देते हैं इस पर जरूर गौर करें. इससे आपको सभी गतिविधियों के बीच संतुलन बनाने में आसानी होगी. योग को दिनचर्या में शामिल करें.
अपनी lifestyle improve कीजिये :
ऐसा आप इन तरीकों से कर सकते हैं:
- रिश्तों में सुधार ला कर
- रोज व्यायाम करके
- सेहत से भरपूर भोजन करके
- Relaxation techniques प्रयोग करके
- नकारात्मक सोच बदल कर
- Emotional Skills develop करिए :
बहुत लोग तनाव को सही से deal नहीं कर पाते हैं और भावुक हो जाते हैं. Emotional skills आपको विपरीत परिस्थितियों में अपना balance बनाये रखने में मदद करती हैं.इसके लिए आप stress management से सम्बंधित कोई short-term course कर सकते हैं.
पेशेवर से मदद लीजिये :
यदि इन सब चीजों से बात ना बने तो किसी mental health professional से हेल्प लीजिये . Depression के treatment के लिए कई प्रभावकारी तरीके हैं: जैसे कि थेरेपी , दवाएं, alternative treatments इत्यादि. Exactly क्या तरीका use करना है ये आपके depression के कारणों पर depend करेगा.
इन बातों पर भी ध्यान दीजिये:
- डिप्रेशन शब्द का प्रयोग कम से कम कीजिये.
- छोटी-मोटी परेशानियों को भूलकर भी डिप्रेशन का नाम मत दीजिये. ऐसा करने से आपका अवचेतन मस्तिष्क इस बात को घर कर सकता है और आपके सच में डिप्रेशन के मरीज बनने के संयोग बढ़ जायेंगे.
- अच्छी चीजें पढ़ें जो आपके अन्दर positivity लाएं. AchhiKhabar.Com पर आपको ऐसे ढेरों लेख मिल जायेंगे. यहाँ देखें
- इस बात को समझे कि life में जबतक असफलता नहीं होगी तबतक सफलता का मोल भी नहीं समझ आएगा. इसलिए असफलता को हर-एक चीज का अंत मत समझिये.
- यदि आप ऐसे किसी व्यक्ति को जानते हों जो depression की वजह से कोई गलत कदम उठाने जा रहा हो या उस बारे में सोच रहा हो तो: तुरंत उसके सगे-सम्बन्धियों को आगाह करें. परिवार के तरफ से मिली थोड़ी सी सहानभूति किसी कि जान बचा सकती है.
- उस व्यक्ति को कत्तई अकेला ना छोड़ें.
- उसे इस Helpline number पर बात कराएं, या करने को कहें .इस नंबर पर निःशुल्क counselling की सुविधा उपलब्ध है. यह मुंबई का नम्बर है,इसे मैंने खुद check किया है , यह काम करता है.
24×7 Helpline: 022-27546669
डिप्रेशन के बारे में रोचक तथ्य"
1.पूरी दुनिया में 35 करोड़ लोग डिप्रेशन के शिकार हैं.2.महिलाओं के डिप्रेशन में जाने के चांस मर्दों के मुकाबले 2 गुणा ज्यादा होते हैं.
3.Antidepressants डिप्रेशन ठीक करने में 46%-54% तक कारगर होते हैं जबकि Placebos 31%-38% तक कारगर होते हैं.
4.तनाव की वजह से आप 3 से 4 गुना ज़्यादा सपने देखने लगते हैं.
5.तनाव आपको जल्दी बूढ़ा बना सकता हैं.
6.अमेरिका में हर 8 में से 1 आदमी डिप्रेशन से पीड़ित हैं.
7.Comedian और मजाकिया लोग ज्यादा डिप्रेशन में रहते हैं.
8.जो लोग इंटरनेट पर ज़्यादा वक़्त बिताते हैं उनके depression में जाने, अकेला महसूस करने और पागल होने के चांसेस ज़्यादा होते हैं.
9.1945 के मुकाबले आज 10 गुना ज्यादा लोग तनाव में रहने लगे हैं.
10. Iceland में सबसे ज्यादा लोग डिप्रेशन में रहते हैं.
11.अब्राहिम लिंकन डिप्रेशन के शिकार थे और अपने साथ चाकू रखने से बचते थे. उन्हें डर लगता था की कहीं वे खुद को ही न मार लें.
12.हाथी और चिम्पांज़ी में भी डिप्रेशन और तनाव के लक्षण पाये गए हैं.
13.France में हर 5 में से 1 व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हैं.
14.डिप्रेशन में होने पर आपका दिमाग आप पर चालें चलने लगता हैं. ये आप में आत्महत्या का ख्याल भी बना सकता हैं. डिप्रेशन से बच कर रहें.
15.डिप्रेशन से बचने के लिए जो दो सबसे उम्दा तरीके बतलाए जाते हैं उनमें से एक जिम में कसरत करना और दूसरा पालतू जानवरों के साथ वक्त बिताना है। आपको अपने दिमाग को तंदरूस्त और मजबूत रखने के लिए कम से कम एक पालतू पशु रखना चाहिए।
16.डिप्रेशन आपको स्वार्थी बनाता हैं. दुःखी होने पर किसी और के बारे में सोचना मुश्किल होता हैं विवेक से काम लें और खुश रहने के तरीके अपनाएँ.
17.Depression की वजह से आप 65% समय तो चिंता में गुजार देते हैं.
18.लगातार चिड़चिड़ापन डिप्रेशन का लक्षण हो सकता हैं। अगर आप दुनिया, अपनी ज़िन्दगी और अपने चाहने वालों से परेशान है तो हो सकता है की ये आपके दिमाग का फितूर हो.
19.डिप्रेशन आपके चाहने वालों के लिए भी उतना ही खतरनाक है जितना की आपके लिए.
20.हर साल अमेरिका में 2 करोड़ नए लोग depression के शिकार हो जाते हैं.
21.तनाव वाला दिमाग चीजों को अलग तरह से देखता हैं.
22.18 से 33 साल की उम्र तक आदमी सबसे ज्यादा तनाव में रहता हैं.
23.सिगरेट पीने वाले लोग, सिगरेट न पीने वाले और सिगरेट पीना छोड़ चुके लोगों की तुलना में अधिक तनाव ग्रस्त होते हैं.
24.देर रात तक कंप्यूटर पर काम आंखों, नसों और दिमाग में तनाव पैदा करता हैं.
25.ठन्डे पानी से नहाने से त्वचा अच्छी रहती है और तनाव दूर होता हैं.
26.तनाव में रहने वाला व्यक्ति खुद से ही झूठ बोलने की आदत पाल लेता है। आप चीजों से बचने की कोशिश करने लगते हैं या आप परिस्थितियों का सामने करने से कतराने लगते हैं.
27.80% depression पीड़ितों को इलाज नहीं मिल पाता हैं.
28.Depressed लोगों को सर्दी ज़ुकाम लगने के चांसेस non-depressed लोगों के मुक़ाबले ज़्यादा होते हैं.
29.आधी उम्र होने के बाद testosterone की कमी की वजह से मर्दों के depression में जाने के चांसेस बढ़ जाते हैं.
30.मनोचिकित्सक कहते हैं कि तनाव या अवसाद के चलते आप ज्यादा सोचने लगते हैं और हमारा दिमाग उन समस्याओं को ईजाद कर लेता है जो पहले तक नहीं थीं.
31.आपको हफ्ते में कम से कम 2 से तीन बार सूर्योदय और सूर्यास्त को देखना चाहिए। आपको इससे तनाव से लड़ने में काफी मदद मिलेगी। यह एक मुफ्त और किफायती इलाज हैं.
32.वीडियो गेम खेलकर भी आप अपने तनाव से काफी हद तक मुक्ति पा सकते हैं। अगर कोई खेल आपको सकून देता है तो यह कतई न सोचें कि आप वक्त जाया कर रहे हैं.
33.Sex करने से तनाव कम होने के साथ-साथ सिर दर्द भी गायब हो जता हैं.
34.रात को अच्छी नींद लेने से तनाव को कुछ हद तक रोका जा सकता हैं.
35.गुस्से को Control करने के लिए आवश्यक है कि गहरी सांस लें और फिर बाहर निकालें. इस Process से Nervous System Active हो जाता है, जिससे दिल की गति धीमी हो जाती है. इससे तनाव और क्रोध कम होने लगता है. इसीलिए जब भी क्रोध आए तो तीन बार जोर से सांस लें और बाहर छोड़ दें.
36.आधा घंटा पौधों की देखभाल करने से मानसिक तनाव, mental stress से उतनी ही मुक्ति मिलती है, जितना कमरे में एक Interesting book का Study करने से मिलती हैं.
37.अगर आप को गुस्सा आ रहा है, तो अपने हाथों को एक दूसरे के साथ रगड़ें. ऐसा करने से आप के हाथ गर्म होंगे और क्रोध के समय Nervous System में तेजी से बढ़ता रक्त प्रवाह Slow हो जाएगा.
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