World Telecommunication Day in Hindi | विश्व दूरसंचार दिवस 17 मई

विश्व दूरसंचार और सूचना सोसायटी दिवस (17 मई) (World Telecommunication Day in Hindi)
दुनिया भर में प्रत्येक वर्ष 17 मई को ‘विश्व दूरसंचार दिवस’ मनाया जाता है। पिछले वर्ष 2019 विश्व दूरसंचार दिवस का विषय- “'मानकीकरण गैप को कम करना” (Bridging the Standardization Gap') था।

विश्व दूरसंचार दिवस का इतिहास

यह दिन अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ की स्थापना और वर्ष 1865 में पहले अंतर्राष्ट्रीय टेलीग्राफ समझौते पर हस्ताक्षर होने की स्मृति में मनाया जाता है। महासभा ने मार्च 2006 में एक प्रस्ताव (ए/आरईएस/60/252) को अपनाया, जिसमें कहा गया है कि विश्व सूचना समाज दिवस 17 मई को हर साल मनाया जाएगा।
इसके साथ नवम्बर, 2006 में टर्की में आयोजित पूर्णाधिकारी कांफ्रेंस में यह भी निर्णय लिया गया था कि 'विश्व दूरसंचार' एवं 'सूचना' एवं 'सोसाइटी दिवस', तीनों को एक साथ मनाया जाए।

विश्व दूरसंचार दिवस का उद्देश्य:

इस दिन को मनाने का उद्देश्य दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी सुलभ कराना है। इस दिन सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के फायदों के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा की जाती है।

इस दिवस का उद्देश्य उन संभावनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करना है जो इंटरनेट और अन्य सूचना और संचार प्रौद्योगिकियों का उपयोग समाजों और अर्थव्यवस्थाओं के साथ ही डिजिटल विभाजन को कम करने के तरीके के लिए कार्य कर सकते हैं.

विश्व संचार दिवस का मकसद वैश्विक स्तर पर टेक्नोलॉजी और इंटरनेट के बारे में सकारात्मकता फैलाना है।

विश्व दूरसंचार दिवस का उद्देश्य सुदूर और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए सूचना और संचार दोनों को आसानी से सुलभ बनाना है।

विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस के विषय (थीम):

विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस 17 मई को दुनिया भर में मनाया जाता है. 
  • 2020 में विश्व दूरसंचार दिवस का मुख्य विषय (थीम) ‘डिजिटल प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके कोरोनावायरस को हराने का प्रयास और सतत विकास (SDGs) के लिए 2030 का कम्युनिकेशन अजेंडा (Connect 2030: ICTs for the Sustainable Development Goals) है.
  • विश्व दूरसंचार और सूचना समाज दिवस 2019 का विषय 'Bridging the Standardization Gap'' है।
  • विश्व दूरसंचार दिवस 2018 की थीम: ‘सभी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सकारात्मक उपयोग को सक्षम करना’ (Enabling the positive use of Artificial Intelligence for All) थी।
  • विश्व दूरसंचार दिवस 2017 की थीम: ‘बिग डेटा फॉर बिग इंपैक्ट’ (Big Data for Big Impact) थी।
  • विश्व दूरसंचार दिवस 2016 की थीम: ‘सामाजिक प्रभाव के लिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी उद्यमिता’ (ICT Entrepreneurship for Social Impact) थी।
  • विश्व दूरसंचार दिवस 2013 की थीम: सूचना और संचार प्रौद्योगिकी तथा बेहतर होती सड़क सुरक्षा

दूरसंचार क्रांति किसे कहते है?

‘दूरसंचार क्रांति’ गरीब देश में हुई एक ऐसी क्रांति है, जिसने न केवल देश की छवि बदली बल्कि देश के विकास से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था की यह प्रत्यक्षदर्शी रही। आज जिस आसानी से हम अपने मोबाइल फोन के माध्यम से कई ऐसे कार्य कर लेते हैं, जिसके लिए कुछ साल पहले काफ़ी मशक्कत करना पड़ती थी। दूरसंचार क्रांति की बदौलत ही भारत की गिनती आज विश्व के कुछ ऐसे देशों में होती है, जहाँ आर्थिक समृद्धि में इस क्रांति का बड़ा योगदान रहा है। आज हम दूरसंचार के मामले में काफ़ी आगे निकल चुके हैं। थ्री-जी और फोर-जी टेक्नोलॉजी पर सवार भारत तेज गति से आगे बढ़ता जा रहा है। इस क्रांति के कारण न केवल अन्य क्षेत्रों में फर्क पड़ रहा है, बल्कि ग्रामीण भारत भी टेक्नोलॉजी से लबरेज होता जा रहा है। आज भारत के कई किसान हाईटेक हो रहे हैं। फसलों के बारे में वे इंटरनेट से जानकारी ले रहे हैं। एसएमएस से रेलवे रिजर्वेशन की जानकारी मिल रही है। भारत इस क्रांति को अगले चरण पर ले जाने की तैयारी कर रहा है।

भारत में टेलीफोन की शुरुआत कब हुई थी?

1880 में दो टेलीफोन कंपनियों ‘द ओरिएंटल टेलीफोन कंपनी लिमिटेड’ और ‘एंग्लो इंडियन टेलीफोन कंपनी लिमिटेड’ ने भारत में टेलीफोन एक्सचेंज की स्थापना करने के लिए भारत सरकार से संपर्क किया। इस अनुमति को इस आधार पर अस्वीकृत कर दिया गया कि टेलीफोन की स्थापना करना सरकार का एकाधिकार था और सरकार खुद यह काम शुरू करेगी। 1881 में सरकार ने अपने पहले के फैसले के ख़िलाफ़ जाकर इंग्लैंड की ‘ओरिएंटल टेलीफोन कंपनी लिमिटेड’ को कोलकाता, मुंबई, मद्रास (चेन्नई) और अहमदाबाद में टेलीफोन एक्सचेंज खोलने के लिए लाइसेंस दिया। इससे 1881 में देश में पहली औपचारिक टेलीफोन सेवा की स्थापना हुई। 28 जनवरी, 1882 भारत के टेलीफोन इतिहास में ‘रेड लेटर डे’ है। इस दिन भारत के तत्कालीन गवर्नर-जनरल काउंसिल के सदस्य मेजर ई. बैरिंग ने कोलकाता, चेन्नई और मुंबई में टेलीफोन एक्सचेंज खोलने की घोषणा की। कोलकाता के एक्सचेंज का नाम ‘केंद्रीय एक्सचेंज’ था, जो 7, काउंसिल हाउस स्ट्रीट इमारत की तीसरी मंजिल पर खोला गया था। केंद्रीय टेलीफोन एक्सचेंज के 93 ग्राहक थे। मुंबई में भी 1882 में ऐसे ही टेलीफोन एक्सचेंज का उद्घाटन किया गया था।

भविष्य में दूरसंचार क्षेत्र में होंगे ये बदलाव

5G: साल 2020 को 5जी का साल कहा गया है लेकिन कोरोना ने इस पर ब्रेक लिया गया है, हालांकि 5जी नेटवर्क के इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी बदलाव देखने को मिला है और आने वाले समय में इसमें काफी विकास होगा। गार्टनर ने भविष्यवाणी की है कि 2020 में दुनियाभर में 5G नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर रेवेन्यू 4.2 बिलियन डॉलर को छू जाएगा, जो 89 प्रतिशत की साल-दर-साल की वृद्धि दर्ज करेगा।

क्लाउड कम्यूनिकेशन: 2020 में, क्लाउड कंम्यूनिकेशन पर होने वाला खर्च कुल तकनीक पर होने वाले खर्च का 70 फीसदी है। 2025 तक दुनिया भर में लगभग 80 फीसदी व्यवसाय क्लाउड कम्यूनिकेशन पर निर्भर होंगे। खास बात यह है कि कोरोना महामारी इसके विकास को और तेज कर दिया है।

डाटा एंड इंफ्रास्ट्रक्चर: डाटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट (DCIM) ने टेक्नोलॉजी को ऊपर ले जाने में काफी मदद की है। इसकी मदद से बिजली की खपत और स्वामित्व की लागत को कम करने में मदद मिलती है। इसका सबसे बड़ा फायदा है कि इसकी वजह से वैश्विक व्यापार में अरबों डॉलर बचते हैं। कंपनियों के साथ अब बिजली की खपत पर नजर रखने और नियंत्रण में मदद मिलेगी।

बिजनेस के लिए चैट एप: आपको जानकर हैरानी होगी कि बिजनेस चैट एप्स पर एक मिनट में 41 मिलियन मैसेज भेजे जाते हैं और 2020 के अंत तक तीन अरब लोग चैट एप्स पर चैटिंग करेंगे। इसकी सबसे बड़ी खासियत चैट एप्स 24*7 उपलब्ध रहते हैं। इसके अलावा चैट एप्स आम सवालों के जवाब देने में सक्षम होंगे।

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