Essay on Earth Day in hindi | पृथ्वी दिवस पर निबन्ध

Earth Day या पृथ्वी दिवस एक तरह से पूरी दुनिया में एक साथ मनाया जाने वाला एक वार्षिक आयोजन है, जिसे पूरे विश्व में से 192 देश एक साथ 22 अप्रैल के दिन एक साथ मनाते है. इस दिन को सर्वप्रथम 1970 में मनाया गया था और फिर धीरे-धीरे एक नेटवर्क आगे बढ़ता गया और इसे विश्व स्तर पर कई देशों द्वारा स्वीकार कर मनाने का निर्णय लिया गया. साल 1969 में यूनेस्को द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में 21 मार्च 1970 को इस दिन को प्रथम बार मनाने का निर्णय लिया गया, परंतु बाद में इसमें कुछ परिवर्तन किए गए और 22 अप्रैल के दिन इसे मनाने का निर्णय लिया गया. यह दिन मुख्य रूप से पुरे विश्व के पर्यावरण सम्बन्धी मुद्दों और कार्यक्रमों पर निर्भर रहता है, इस दिन का मुख्य उद्देश्य शुध्द हवा, पानी और पर्यावरण के लिए लोगों को प्रेरित करना है. आइये जानते है, पृथ्वी दिवस का इतिहास इसकी थीम और साल 2020 में इस दिन आयोजित होने वाली गतिविधियों के संबंध में जानकारी ( Earth Day Significance, meaning, facts, history, Importance, theme 2020 in hindi). 

पृथ्वी दिवस का महत्व  (Earth day significance and importance in hindi)

इसका महत्व इसलिए बढ़ जाता है, कि ग्लोबल वार्मिंग के बारे में पर्यावरणविद के माध्यम से हमें पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव का पता चलता है. जीवन संपदा को बचाने के लिए पर्यावरण को ठीक रखने के बारे में जागरूक रहना आवश्यक है. जनसंख्या की बढ़ोतरी ने प्राकृतिक संसाधनों पर अनावश्यक बोझ डाल दिया है. इसलिए इसके संसाधनों के सही इस्तेमाल के लिए पृथ्वी दिवस जैसे कार्यकर्मो का महत्व बढ़ गया है. लाइव साइंस आईपीसीसी अर्थात जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल के मुताबिक 1880 के बाद से समुद्र स्तर 20% बढ़ गया है, और यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है. यह 2100 तक बढ़ कर 58 से 92 सेंटीमीटर तक हो सकता है, जो की पृथ्वी के लिए बहुत ही ख़तरनाक है. इसका मुख्य कारण है ग्लोबल वार्मिंग की वजह से ग्लेशियरों का पिघलना जिसके करण पृथ्वी जलमग्न हो सकती है. आईपीसीसी के पर्यावरणविद के अनुसार 2085 तक मालदीव पूरी तरह से जलमग्न हो सकता है.

पृथ्वी दिवस का महत्व मानवता के संरक्षण के लिए बढ़ जाता है, यह हमें जीवाश्म इंधन के उत्कृष्ट उपयोग के लिए प्रेरित करता है. इसको मनाने से ग्लोबल वार्मिंग के प्रचार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जो की हमारे जीवन स्तर में सुधार के लिए प्रेरित करता है. यह उर्जा के भण्डारण और उसके अक्षय के महत्व को बताते हुए उसके अनावश्यक उपयोग के लिए हमे सावधान करता है. कार्बन डाई ऑक्साइड और मीथेन उत्सर्जन की गतिविधियों की वजह से पर्यावरण अपने प्राकृतिक रूप में स्थिर रहता है.1960 के दशक में कीटनाशकों और तेल के फैलाव को लेकर जो जनता ने जागरूकता दिखाई थी, उस जागरूकता की वजह से नई स्वच्छ वायु योजना बनी थी. इस वजह से अब जो भी नया विधुत सयंत्र बनता है, उसमे कार्बन डाइऑक्साइड को कम मात्रा में उत्सर्जित करने के लिए अलग यन्त्र लगाया जाता है. जिससे की पर्यावरण में इसका कम फैलाव हो और नुकसान कम हो.

इसलिए अप्रैल 22 को सीनेटर नेल्सन ने कहा कि वह व्यक्ति इस दुनिया में पर्यावरण से अलग नहीं रह सकता, जो अंतराष्ट्रीय दिवस को छुट्टी का दिन न बना कर दुनिया भर के लोगों को ग्लोबल वार्मिंग के लिए जागरूक करता है और प्रौधोगिकी के क्षेत्र में निवेश करता हो.

पृथ्वी दिवस का उद्देश्य

इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को पृथ्वी और पर्यावरण के संरक्षण हेतु जागरूक करना है। आधुनिक काल में जिस तरह से मृदा अपरदन हो रहा है, ग्लेशियर पिघल रहे हैं, ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रहा है और प्रदूषण फ़ैल रहा है, इनसे पृथ्वी का ह्वास हो रहा है। ऐसी स्थति में पृथ्वी की गुणवत्ता, उर्वरकता और महत्ता को बनाए रखने के लिए हमें पर्यावरण और पृथ्वी को सुरक्षित रखने की जरूरत है। इन महत्वकांक्षी उद्देश्यों को पूरा करने हेतु हर साल 22 अप्रैल पृथ्वी दिवस मनाया जाता है।

इस साल पृथ्वी दिवस का थीम ‘Climate Action’ है. जबकि पिछले साल इसका थीम ‘Protect Our Species’ था. पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों को बचाने तथा दुनिया भर में पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लक्ष्य के साथ पृथ्वी दिवस मनाया जाता है.
पृथ्वी दिवस का ध्वज

पृथ्वी दिवस का इतिहास

अमेरिकी सीनेटर गेलोर्ड नेल्सन (Gaylord Nelson) ने 1970 ई. में पृथ्वी दिवस की स्थापना पर्यावरण शिक्षा के रूप की थी, जिसके बाद से पृथ्वी दिवस मनाने की प्रथा शुरू हुई। ऐसा कहा जाता है कि अमेरिका में इस दिन को ट्री डे के रूप में जाना जाता है। वहीं, अमेरिकी सीनेटर गेलोर्ड नेल्सन फादर ऑफ़ अर्थ डे के नाम से जाने जाते हैं। यह दुनिया भर में सबसे बड़ा जन जागरूकता आंदोलन है, जिसमें एक साथ 192 देशों के अरबों की संख्या में नागरिक हिस्सा लेते हैं और पृथ्वी के संरक्षण का संकल्प लेते हैं। इस दिन नॉर्थ पोल में वसंत तो साउथ पोल में शरद मौसम रहता है।

इस साल 2020 में पृथ्वी दिवस के 50 साल पूरे हो रहे हैं

1970 से पहले पृथ्वी दिवस दो अलग-अलग दिन मनाया जाता था, जहां 21 मार्च को अंतराष्ट्रीय पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता था, जिसे संयुक्त राष्ट्र संघ की मान्यता प्राप्त थी। वहीं, 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता रहा है, लेकिन 22 अप्रैल को 1970 से दुनिया भर में 192 से अधिक देशों के निवासी एक साथ पृथ्वी दिवस मनाते हैं। इस साल पृथ्वी दिवस के 50 साल पूरे हो रहे हैं।

इस साल पृथ्वी दिवस दिवस की 50वीं एनिवर्सरी है। Earth Day 2020 के मौके पर इंटरनेट सर्च इंजन गूगल ने एक खास डूडल तैयार किया है। गूगल ने इस डूडल को पृथ्वी के सबसे छोटे जीवों में से एक 'मधुमक्खियों' को समर्पित किया है।
Earth Day 2020 Google Doodle
credit : google.com 

इस डूडल में Google को पृथ्वी और पेड़ों से बनाया गया है। यहां एक मधुमक्खी दिखाई गई है और एक प्ले का बटन मौजूद है। इस बटन को आप जैसे ही क्लिक करते हैं तो आपको एक विडियो इंट्रो दिखाई पड़ता है। इसमें मधुमक्खियों के महत्व के बारे में बताया गया है, जैसे- मधुमक्खियां परागण की विधि द्वारा दुनियाभर की फसलों का उत्पादन 30 फीसदी बढ़ा देती हैं। इसके बाद एक गेम शुरू हो जाता है। इस गेम में यूजर को मधुमक्खी फूलों पर बैठानी है। गेम के दौरान मधुमक्खियों और पृथ्वी से जुड़ी कई नई जानकारी भी मिलती रहती है।

पृथ्वी दिवस क्यों मनाया जाता है

प्रदूषित वातावरण के कारण पृथ्वी अपना प्राकृतिक रूप खोती जा रही है। पृथ्वी के सौंदर्य को जगह-जगह पड़े कूड़े के ढेर व बेतरतीब फैले कचरे ने नष्ट कर दिया है। पर्यावरण प्रदूषण की समस्या विश्व में बढ़ती जनसंख्या तथा औद्योगीकरण एवं शहरीकरण में तेज़ी से वृद्धि के साथ-साथ ठोस अपशिष्ट पदार्थों द्वारा विकराल होती जा रही है। ठोस अपशिष्ट पदार्थों के समुचित निपटान के लिए पर्याप्त स्थान की आवश्यकता होती है। इन पदार्थों में वृद्धि के निपटान की समस्या औद्योगिक स्तर पर अत्यंत विकसित देशों के लिए ही नहीं बल्कि कई विकासशील देशों की भी है। पृथ्वी दिवस मनाने के कारणों का वर्णन निचे विस्तृत रूप से दिया गया है.

पॉलीथिन का दुष्प्रभाव

पर्यावरण को सबसे अधिक आधुनिक युग में सुविधाओं के विस्तार ने ही चोट पहुँचाई है। मनुष्यों की सुविधा के लिए बनाई गयी पॉलीथीन सबसे बड़ा सिरदर्द बन गई है। भूमि की उर्वरक क्षमता को यह नष्ट न होने के कारण खत्म कर रही है। इनको जलाने से निकलने वाला धुआँ ओज़ोन परत को भी नुकसान पहुँचाता है जो ग्लोबल वार्मिग का बड़ा कारण है। देश में प्रतिवर्ष लाखों पशु-पक्षी पॉलीथीन के कचरे से मर रहे हैं। इससे लोगों में कई प्रकार की बीमारियाँ फैल रही हैं। इससे ज़मीन की उर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है तथा भूगर्भीय जलस्रोत दूषित हो रहे हैं। पॉलीथीन कचरा जलाने से कार्बन डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड एवं डाईऑक्सीन्स जैसी विषैली गैसें उत्सर्जित होती हैं। इनसे सांस, त्वचा आदि की बीमारियाँ होने की आशंका बढ़ जाती है।

पॉलीथिन का इस्तेमाल करके हम न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहे हैं, बल्कि गंभीर रोगों को भी न्यौता दे रहे हैं। पॉलीथिन को ऐसे ही फेंक देने से नालियाँ जाम हो जाती हैं। इससे गंदा पानी सड़कों पर फैलकर मच्छरों का घर बनता है। इस प्रकार यह कालरा, टाइफाइड, डायरिया व हेपेटाइटिस-बी जैसी गंभीर बीमारियों का भी कारण बनते हैं।

ग्लोबल वार्मिंग

पृथ्वी के औसत तापमान में वृद्धि ही ग्लोबल वार्मिंग कहलाता है। 20वीं शताब्दी के आरंभ से ही पृथ्वी के तापमान में बढ़ोत्तरी की शुरुआत हो गई थी। पृथ्वी के तापमान में पिछले सौ सालों में 0.18 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की वृद्धि हो चुकी है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि धरती का तापमान इसी तरह बढ़ता रहा, तो 21वीं सदी के अंत तक 1.1-6.4 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान बढ जाएगा।

ग्रीन हाउस गैसेज

हमारी पृथ्वी पर कई ऐसे केमिकल कम्पाउंड पाए जाते हैं, जो तापमान को संतुलित करते हैं। ये ग्रीन हाउस गैसेज कहलाते हैं। ये प्राकृतिक और मैनमेड दोनो होते हैं। जैसे- वाटर वेपर, मिथेन, कार्बन डाईऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड आदि। सूर्य की किरणें पृथ्वी पर पड़ती हैं, तो इनमें से कुछ किरणें (इंफ्रारेड रेज) वापस लौट जाती हैं। ग्रीन हाउस गैसें इन किरणों को सोख लेती हैं और वातावरण में हीट बढाती हैं। ग्रीन हाउस गैस की मात्रा स्थिर रहती है, तो सूर्य से पृथ्वी पर पहुँचने वाली किरणें और पृथ्वी से वापस स्पेस में पहुँचने वाली किरणों में संतुलन बना रहता है, जिससे तापमान भी स्थिर रहता है। दूसरी ओर, हम लोगों (मानव) द्वारा निर्मित ग्रीन हाउस गैस असंतुलन पैदा कर देते हैं, जिसका असर पृथ्वी के तापमान पर पडता है। यही ग्रीन हाउस प्रभाव कहलाता है। दशकों पूर्व पृथ्वी के तापमान को स्थिर रखने के लिए काम शुरू हो गया था। लेकिन मानव निर्मित ग्रीन हाउस गैसों के उत्पादन में कमी लाने के लिए दिसंबर, 1997 में क्योटो प्रोटोकोल लाया गया। इसके तहत 160 से अधिक देशों ने यह स्वीकार किया कि उनके देश में ग्रीन हाउस गैसों के प्रोडक्शन में कमी लाई जाएगी। यह आश्चर्य की बात है कि 80 प्रतिशत से अधिक ग्रीन हाउस गैस का उत्पादन करने वाले अमेरिका ने अब तक इस प्रोटोकोल को नहीं माना है।

मौसम की अनियमितता

समस्त मानव जाति धरती पर हो रहे जलवायु परिवर्तन के लिए ज़िम्मेदार है। सामाजिक सरोकारों को सुविधाभोगी जीवन शैली में पीछे छोड़ दिया है। हम विकास के सोपान जैसे-जैसे चढ़ रहे हैं, पृथ्वी पर नए-नए खतरे उत्पन्न हो रहे हैं। प्रतिदिन घटती हरियाली व बढ़ता पर्यावरण प्रदूषण नई समस्याओं को जन्म दे रहा है। इस कारण प्रकृति का मौसम चक्र भी अनियमित हो गया है। किसी भी ऋतु का कोई निश्चित समय नहीं रह गया है। हर वर्ष तापमान में हो रही वृद्धि से बारिश की मात्रा कम हो रही है। इस कारण भू-जलस्तर में भारी कमी आई है। प्रत्येक मनुष्य को एकजुट होकर पृथ्वी को बचाने के उपाय करने होंगे। इसमें प्रशासन, सामाजिक संगठन, स्कूल, कॉलेज सहित सभी को भागीदारी निभानी होगी।

पृथ्वी दिवस का गीत (Earth day song)

पृथ्वी दिवस को अंतराष्ट्रीय स्तर पर मनाते हुए उनके लिए गीत का निर्माण हुआ है इसको कई देशों में गाया जाता है. यह दो प्रकारों में गया जाता है एक समकालीन कलाकारों द्वारा गाये गए गीत और दूसरा आधुनिक कलाकरों द्वारा. यूनेस्को ने भारतीय कवि अभय कुमार की रचनात्मक और प्रेरित करने वाले गीत के लिए प्रशंसा की है. इसे कई भाषाओँ में जैसे अरेबिक, चाइनीज, अंग्रेजी, फ्रेंच, रशियन, स्पेनिश में गाया गया है. इसको और भी दो भाषाओँ में गाया गया है हिंदी और नेपाली.

2013 के पृथ्वी दिवस सम्मलेन के अवसर पर कपिल सिबल और शशि थरूर ने नई दिल्ली के भारतीय सांस्कृतिक परिषद् कार्यक्रम में इसे लागु किया. बाद में शैक्षिक उदेश्यों के लिए उपयोग करना शुरू किया. पृथ्वी दिवस गाने को ब्रिटिश काउंसिल स्कूल के ऑनलाइन स्कूल, रीजेंट स्कूल, यूरो स्कूल, काठमांडू, लोरेटो डे स्कूल कोलकाता के साथ ही और भी स्कूलों में भी गाया गया. इस गीत को लोग ‘पृथ्वी गान’ के रूप में गाते है. इस तरह के गीत मानवता के लिए वैश्विक संगठन द्वारा भी समर्थित है.

यू. एस. काउंसिल जनरल जेनिफ़र मैकेंतिर ने पृथ्वी गीत के लिए कुमार की प्रसंशा की. अकादमी अवार्ड विजेता हॉलीवुड के डायरेक्टर जेफ्फिरे डी. ब्राउन ने कहा की यह मानवीय लोगों के लिए उत्सव के रूप में है.

पृथ्वी दिवस की प्रमुख घटनाएँ (Earth day incidents)

पृथ्वी दिवस यूनाइटेड स्टेट अमेरिका अर्थात संयुक्त राष्ट्र ने 1995 तक 5 पृथ्वी दिवस सामारोह का समन्वय किया. फिर 25 वी वर्षगाठ के बाद इसको बैटन को सौप दिया गया. फिर 2007 का पृथ्वी दिवस सबसे बड़े तौर पर मनाया गया, इसमें बहुत से देशों के लोगों ने भाग लिया जैसे कि कीव, यूक्रेन, कैरकस, वेनुजुएला, मनिला, टवालू, फिलीपींस, टोगो, मेड्रिड, स्पेन, लंदन और न्यू यॉर्क. 2012 के कैलिफोर्निया में जनसंख्या स्थिरीकरण समूह को मानव सोच से बदलकर उसके मुख्य धारा पर्यावरण विकास की तरफ ध्यान दिया गया. छात्रो और युवाओ को भी पर्यावरण सम्बन्धी समस्याओं को कम करने में रूचि लेने के लिए जागरूक किया गया.

पृथ्वी से जुड़े बढ़ते पर्यावरणीय ह्रास के मुद्दों के विरोध में हजारों कॉलेज, विश्वविद्यालयों और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों से विद्यार्थी सक्रियता से भाग लेते हैं जैसे दिनों-दिन पर्यावरणीय ह्रास, वायु और जल प्रदूषण, ओजोन परत में कमी आना, औद्योगिकीकरण, वन-कटाई आदि से तेलों का फैल जाना, प्रदूषण फैलाने वाली फैक्टरी को तैयार करना, पावर प्लॉन्ट, कीटनाशक का उत्पादन और इस्तेमाल आदि से बचाना।

विभिन्न कानूनी नियमों को लागू करने के द्वारा पृथ्वी की सुरक्षा की ओर बहुत से देशों की सरकारों के द्वारा कई कदम उठाये गये। पृथ्वी दिवस को मनाने के लिये विभिन्न कार्यक्रम और अभियानों का आयोजन पर्यावरण संबंधी नेताओं का एक समूह करता है। विभिन्न प्रकार के लाभप्रद उपायों को लागू करने के द्वारा पर्यावरणीय मुद्दों का समाधन करने के लिये 141 देशों से बड़ी संख्या में लोग एक-साथ होते हैं। नयी पीड़ियों के स्वागत के लिये एक स्वच्छ और स्वस्थ विश्व बनाने के लिये स्वच्छ पर्यावरण के विषय-वस्तु के प्रदर्शन में लोग भाग लेते हैं। धरती के पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिये तथा लोगों को प्रेरणा देने के लिये विश्व पृथ्वी दिवस को मनाने का लक्ष्य है।

इस दिन लोग धरती की सुरक्षा से संबंधित बाहरी गतिविधियों में शामिल होते हैं जैसे नये पेड़-पौधों को लगाना, पौधा रोपण, सड़क के किनारे का कचरा उठाना, गंदगियों का पुर्नचक्रण करना, ऊर्जा संरक्षण आदि। दिनों-दिन बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग और दूसरे पर्यावरणीय तबाही से बचाने के लिये कुछ लोग सरकार से त्वरित कार्यवाही करने के लिये आग्रह करते हैं। लोगों को जागरुक करने के लिये वास्तविक पर्यावरणीय मुद्दों के साथ निपटने के लिये इस दिन सभी टीवी चैनल इससे संबंधित कार्यक्रम दिखाते हैं।

सरकार के द्वारा इसको आधिकारिक रुप से सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं किया गया है। सभी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान इस दिन खुले रहते हैं। अमेरिकी सीनेटर गेलार्ड नेल्सन के द्वारा पहली बार 22 अप्रैल 1970 में पृथ्वी दिवस की स्थापना की गयी। पारिस्थितिकी को बढ़ावा देने और ग्रह पर जीवन के सम्मान के साथ ही वायु, जल और भूमि प्रदूषण की बढ़ती समस्या के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिये इसका आयोजन किया गया है।

लोग जो इस कार्यक्रम को मनाने में भाग लेते हैं, जानवरों और पौधे के जीवन को इंगित करने के लिये हरे और नीले रंग का इस्तेमाल पृथ्वी ग्रह को बनाने में करते हैं और ग्रीन हाउस प्रभाव और ग्लोबल वार्मिंग को शामिल किये हुए अपने प्राकृतिक पुनर्चक्रण का प्रतीक होता है। अमेरिका में कुछ स्थानों पर जागरुक बनाने के लिये फूल, पौधे या कीड़े लगे कपड़ों में सजे हुए एक परेड में भाग लेने के द्वारा लोग पृथ्वी दिवस मनाते हैं कि देखो पूरा पर्यावरण हमारा वास्तविक घर है।


इसके माध्यम से पर्यावरण के बारे में ज्यादा जानकारी प्राप्त कर हम इसके बचाव में अपना योगदान दे सकते है. 2020  में भी हर वर्ष के भातिं पृथ्वी दिवस के दिन विज्ञान रैली के रूप में मार्च किया गया और वाशिंगटन के नेशनल मॉल में पर्यावरण शिक्षा पर बात हुई और इसको पढ़ा गया.

पृथ्वी दिवस की थीम (Earth Day Theme) 

अंतराष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने वाले हर कार्यक्रम की हर वर्ष की एक अलग थीम होती है जिसके द्वारा उस वर्ष उस विशेष मुद्दे पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया जाता है. ठीक इसी प्रकार से विश्व स्तर पर मनाए जाने वाले पृथ्वी दिवस की भी एक अलग थीम है होती है, पिछले कुछ वर्षो में आयोजित पृथ्वी दिवस की थीम निम्न थी-

विश्व पृथ्वी दिवस का विषय (थीम)

वर्ष 2020 में विश्व पृथ्वी दिवस का थीम है "Climate Action (जलवायु क्रिया)"।
वर्ष 2019 में विश्व पृथ्वी दिवस का थीम है "अपनी प्रजातियों की रक्षा करें (प्रोटेक्ट आवर स्पीशीज)"।
वर्ष 2018 में विश्व पृथ्वी दिवस के लिए थीम "प्लास्टिक प्रदूषण का अंत" था।
वर्ष 2017 में विश्व पृथ्वी दिवस के लिए थीम "पर्यावरण और जलवायु साक्षरता" था।
वर्ष 2016 में विश्व पृथ्वी दिवस के लिए थीम "धरती के लिए पेड़" था।
विश्व पृथ्वी दिवस 2015 का विषय था “जल अद्भुत विश्व”।
विश्व पृथ्वी दिवस 2014 का विषय था “हरे शहर”।
विश्व पृथ्वी दिवस 2013 का विषय था “जलवायु परिवर्तन का चेहरा”।
विश्व पृथ्वी दिवस 2012 का विषय था “धरती को संगठित करना”।
विश्व पृथ्वी दिवस 2011 का विषय था “वायु को साफ करें”।
विश्व पृथ्वी दिवस 2010 का विषय था “कम करो”।
विश्व पृथ्वी दिवस 2009 का विषय था “कैसे आप आस-पास रहते हैं”।
विश्व पृथ्वी दिवस 2008 का विषय था “कृपया पेड़ लगायें”।
विश्व पृथ्वी दिवस 2007 का विषय था “धरती के प्रति दयालु बने-संसाधनों को बचाने से शुरुआत करें”।
इस तरह से यह पीछले वर्षो में आयोजित पृथ्वी दिवस की थीम थी.

पृथ्वी दिवस को कैसे मनाए (How To Celebrate Earth Day)

अगर आप भी आने वाले 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाना और विषय पर्यावरण संरक्षण में अपना सहयोग देना चाहते है तो निम्न गतिविधियों को अपनाकर इसे मना सकतें है –
  • जरुरी स्थानों पर नये पौधा-रोपण करें।
  • अपने परिवार के साथ कुछ बाहरी गतिविधियों में शामिल हों जैसे पेड़ पर पक्षी के लिये घोंसला बनाना और पारिस्थितिकी तंत्र में उनकी भूमिका के बारे में चर्चा करना।
  • भूमि और जल प्रदूषण को टालने के लिये प्लास्टिक थैलों के इस्तेमाल में कमी लाने के लिये लोगों को प्रोत्साहित करना।
  • पुराने सामानों का पुनर्चक्रण और दुबारा प्रयोग करने के बारे में अपने बच्चों को सिखाना।
  • सड़क, पार्क और दूसरी जगहों से गंदगी हटाने में भाग लेना।
  • मनोरंजन गतिविधियों में भाग लेना जैसे गीत गायन जो पर्यावरण सुरक्षा से संबंधित हो और इस उत्सव में शामिल होने के लिये अधिक से अधिक व्यक्तियों को आकर्षित करें।
  • शैक्षणिक सत्रों में भाग लें जैसे सेमिनार, परिचर्चा और दूसरे प्रतियोगी क्रियाकलाप जो धरती के प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा से संबंधित हों
  • पर्यावरणीय रंगों को दिखाने के लिये हरे, भूरे या नीले रंग के कपड़े पहनने के द्वारा लोगों को प्रोत्साहित करें।
  • विभिन्न व्यवहारिक संसाधनों के द्वारा ऊर्जा संरक्षण के लिये लोगों को बढ़ावा दें।
  • लोगों को शिक्षा दें कि हर दिन पृथ्वी दिवस है, इसलिये हर दिन उन्हें धरती का ध्यान रखना चाहिये।
  • इस तरह से इन मुद्दों के अलावा आप अपने हिसाब से कुछ अलग और नए तरीके से भी यह दिन मना सकते है. यह दिन कई देशों में एक साथ मनाया जाता है, जिसका कल्चर, भाषा और रहन सहन भिन्न है फिर भी हर देश में इसे मनाने का उद्देश्य केवल एक है – “पर्यावरण संरक्षण”. अगर आपके पास भी इस दिन को मनाने का एक अलग तरीका हो तो आप उसे हमसे कमेंट बॉक्स में शेयर कर सकते है.

पृथ्वी दिवस चिंतन-मनन का दिन

विश्व पृथ्वी दिवस महज़ एक मनाने का दिन नहीं है। इस बात के चिंतन-मनन का दिन है कि हम कैसे अपनी वसुंधरा को बचा सकते हैं। धरती को बचाने में ऐसे कई तरीक़े हैं जिसे हम अकेले और सामूहिक रूप से अपनाकर योगदान दे सकते हैं। हर दिन को पृथ्वी दिवस मानकर उसके संरक्षण के लिए कुछ न कुछ करते रहना चाहिए, लेकिन अपनी व्यस्तता में व्यस्त इंसान यदि विश्व पृथ्वी दिवस के दिन ही थो़ड़ा बहुत योगदान दे तो धरती के ऋण को उतारा जा सकता है। हम सभी जो कि इस स्वच्छ श्यामला धरा के रहवासी हैं उनका यह दायित्व है कि दुनिया में क़दम रखने से लेकर आखिरी साँस तक हम पर प्यार लुटाने वाली इस धरा को बचाए रखने के लिए जो भी कर सकें करें, क्योंकि यह वही धरती है जो हमारे बाद भी हमारी निशानियों को अपने सीने से लगाकर रखेगी। लेकिन यह तभी संभव होगा जब वह हरी-भरी तथा प्रदूषण से मुक्त रहे और उसे यह उपहार आप ही दे सकते हैं।

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