World Down Syndrome Day 2020 : डाउन सिंड्रोम क्या है?

विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस (World Down Syndrome Day) : 21 मार्च

‘विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस’ डाउन सिंड्रोम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रतिवर्ष 21 मार्च को मनाया जाता है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र महासभा की सिफ़ारिश से वर्ष 2012 से मनाया जा रहा है।

डब्ल्यूडीएसडी के लिए 21 क्रोमोसोम (गुणसूत्र) त्रयी (ट्रायसोमिक) की विशिष्टता को दर्शाने के लिए तीसरे महीने की 21 तारीख़ का चयन किया गया था, जिसके कारण डाउन सिंड्रोम का होता है।

डाउन सिंड्रोम नाम, ब्रिटिश चिकित्सक जॉन लैंगडन डाउन के नाम पर पड़ा, जिन्होंने इस सिंड्रोम (चिकित्सकीय स्थिति) के बारे में सबसे पहले 1866 में पता लगाया था। विश्व में अनुमानित 1000 में 1 से लेकर 1100 में से 1 बच्चा डाउन सिंड्रोम के साथ पैदा होता है।

‘विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस’ वर्ष 2019 का विषय ‘कोई भी पीछे न छूटे’ तथा 2020 का विषय "We Decide | हम निर्णय लें"  है।

यह विषय सभी सामाजिक पहलुओं के संदर्भ में भरपूर जीवन जीने के लिए डाउन सिंड्रोम से पीड़ित सभी लोगों को समान अवसर प्रदान करने पर जोर देता है। नकारात्मक दृष्टिकोण, निम्न अपेक्षाएं, भेदभाव और बहिष्करण डाउन सिंड्रोम से पीड़ित लोगों को पीछे छोड़ देता हैं। ये दर्शाता है, कि अन्य लोग इन लोगों की चुनौतियों को समझ नहीं पाते है। उन्हें सशक्त बनाने के क्रम में हितधारकों को वास्तविक परिवर्तन लाने के लिए अवसर सुनिश्चित करने चाहिए।

"कोई भी पीछे न छूटे" विषय का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्य के लिए संयुक्त राष्ट्र के वर्ष 2030 के एजेंडे को पूरा करने में भी मदद करेगा।

World Down Syndrome Day उद्देश्य:

दिन का उद्देश्य डाउन सिंड्रोम वाले लोगों की क्षमताओं और उपलब्धियों को प्रदर्शित करना है। यह डाउन सिंड्रोम वाले लोगों के लिए स्वतंत्रता, आत्म-वकालत और पसंद की स्वतंत्रता को प्रोत्साहित करने पर भी केंद्रित है।

World Down Syndrome Day इतिहास:

  • UN ने बताया कि डाउन सिंड्रोम दुनिया भर में 800 जन्मों में से 1 को प्रभावित करता है। यह बौद्धिक विकलांगता और संबंधित चिकित्सा मुद्दों का कारण बनता है।
  • डाउन सिंड्रोम एक स्वाभाविक रूप से होने वाली गुणसूत्रीय व्यवस्था है जो हमेशा मानव स्थिति का एक हिस्सा रहा है। यह नस्लीय, लिंग और सामाजिक-आर्थिक लाइनों में सार्वभौमिक रूप से मौजूद है।
  • डाउन सिंड्रोम इंटरनेशनल और कई अन्य संगठनों ने 2006 से विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया है। नवंबर 2011 में, यूएन ने आधिकारिक रूप से 2012 के बाद से इस घटना का अवलोकन करने का निर्णय लिया, सरकारों और व्यवसायों को विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।

क्या होता है डाउन सिंड्रोम?

यह एक आनुवांशिक विकार है जो असामान्य कोशिका विभाजन के कारण गुणसूत्र 21 से अतिरिक्त आनुवांशिक सामग्री की वजह से होता है।डाउन सिंड्रोम एक अनुवांशिक रोग है। इसमें व्यक्ति के अंदर एक क्रोमोसोम की अधिककता होती है। अधिकांश गर्भ में पल रहे बच्चे के लोगों अंदर 46 क्रोमोसोम के गुणसूत्र होते हैं। लेकिन इस सिंड्रोम वाले लोगों के अंदर 47 गुणसूत्र क्रोमोसोम होते हैं। इस कारण वे अन्य लोगों से अलग दिखते हैं और उनका व्यवहार भी अन्य लोगों से अलग होता है। डाउन सिंड्रोम वाले चेहरे की पहचान स्पष्ट रूप से आसानी हो जाती है, इसके कारण बुद्धि कमज़ोर होती है, विकास देर से होता है और इसके साथ थाइरॉइड या दिल का रोग भी हो सकता है.
तीन प्रकार के होते हैं डाउन सिंड्रोम
  • ट्राइसोमी 21 (Trisomy 21)
  • ट्रांसलोकेशन (Translocation)
  • मोजैक (Mosaic)
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डाउन सिंड्रोम सभी लोगों को अपने जीवन से संबंधित या प्रभावित करने वाले मामलों के बारे में निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है।

डाउन सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्तियों के लक्षण:

  • नाक चपटी और छोटी
  • कान का आकार अनियमित
  • चेहरा चिपटे आकार का
  • बहुत छोटी गर्दन
  • जीभ फैली हुई
  • कमजोर मांसपेशियां
  • आवेगपूर्ण व्यवहार
  • चीजों को जल्दी न समझना,
  • सीखने की क्षमता काफी धीमी
डाउन सिंड्रोम सभी जातियों और आर्थिक स्थिति के लोगों में पाया जाता है। डाउन सिंड्रोम से पीड़ित बच्चा किसी भी उम्र की मां से जन्म ले सकता है, हालांकि डाउन सिंड्रोम का ज़ोखिम मां की उम्र अधिक होने के साथ बढ़ता है। 35 वर्षीय महिला के डाउन सिंड्रोम से पीड़ित गर्भधारण की संभावना 350 में से 1 तथा 40 वर्ष की उम्र के बाद डाउन सिंड्रोम से पीड़ित गर्भधारण की संभावना 100 में से 1 होती है।

डाउन सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति की स्वास्थ्य देखभाल तथा कैसे होता है इलाज

  • चिकित्सा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में होने वाली प्रगति के कारण डाउन सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति पहले से कहीं अधिक लंबा जीवन व्यतीत करते हैं। डाउन सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता को उनकी विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल की ज़रूरतों को पूरा करके बढ़ाया जा सकता है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
  • मानसिक और शारीरिक विकास की निगरानी के लिए स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा नियमित जांच-पड़ताल तथा भौतिक चिकित्सा, परामर्श या विशिष्ट शिक्षा के विभिन्न हस्तक्षेपों को समय-समय पर प्रदान करना।
  • अभिवाहकों एवं समुदायों को चिकित्सीय दिशा-निर्देशन, पैतृक देखभाल और सहयोग के माध्यम से जीवन की सर्वोच्य गुणवत्ता तथा समुदाय आधारित सहयोग प्रणाली जैसे कि विशेष विद्यालय के लिए मार्गदर्शन देना है। यह मुख्यधारा के समाज में उनकी भागीदारी बढ़ाता है तथा उनके व्यक्तिगत सामर्थ्य को भी संतुष्टि प्रदान करता है।
  • डाउन सिंड्रोम से ग्रसित बच्चों का इलाज संभव नहीं है। इन बच्चों को स्पेशल ट्रिटमेंट दी जाती है। इस बीमारी से ग्रसित बच्चे काफी देरी से चलना, बोलना, बैठना सिखते हैं।
  • इस बीमारी से ग्रसित बच्चों के लिए एक टीम बनाई गई है, जो इस तरह के बच्चों की देखभाल करते हैं। इस टीम द्वारा बच्चों को फिजिकल थैरेपी, स्पीच थैरेपी, व्यवसायिक थैरेपी दी जाती है।
  • इस बीमारी से ग्रसित मरीजों की बीच-बीच में सर्जरी की जाती है।
  • इसके साथ ही इन्हें हमेशा किसी ना किसी की जरूरत होती है। ताकि वे इनकी मदद कर सकतें।
  • अगर इस बीमारी के लक्षण किसी में दिखे, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। ताकि समय पर उसे थैरेपी दी जा सके।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके):

राष्‍ट्रीय बाल स्‍वास्‍थ्‍य कार्यक्रम एक नई पहल है, जिसका उद्देश्‍य 0 से 18 वर्ष बच्‍चों में चार प्रकार की परेशानियों की जांच करना है। इन परेशानियों में जन्‍म के समय किसी प्रकार के विकार, बीमारी, कमी और विकलांगता सहित विकास में रूकावट की जांच शामिल है। बाल स्वास्थ्य स्क्रीनिंग और प्रारंभिक हस्तक्षेप सेवाओं की परिकल्पना तीस चयनित स्वास्थ्य स्थितियों (उनमें से डाउन सिंड्रोम एक है) की स्क्रीनिंग/जांच, शीघ्र रोग की पहचान और निशुल्क प्रबंधन के लिए की गयी है।

संदर्भ:
https://www.worlddownsyndromeday2.org/event/call-to-action-2019(New)
www.who.int/genomics/public/geneticdiseases/en/index1.html
www.downsyndrome.in/faq.php
www.ndss.org/about-down-syndrome/down-syndrome/
nhm.gov.in/images/pdf/programmes/RBSK/For_more_information.pdf
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