कर्मनाशा नदी के रोचक तथ्य | Karmanasa River Story, History, Origin, Map
कर्मनाशा नदी के रोचक तथ्य - शापित नदी के पानी को छूने से भी डरते हैं लोग karamnasa nadi ka sach, karmanasa river curse, karmanasa river map, origin, history.
भारत में कई नदियां है। इन सभी में गंगा सबसे पवित्र नदी मानी जाती है। गंगा नदी का पानी लोग घर में रखते हैं पूजा-पाठ में प्रयोग करते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी नदी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे अपवित्र मना गया है, जिसके पानी को भी लोग छूने से डरते हैं।
इस नदी का नाम है कर्मनाशा (Karmanasa River) । दिलचस्प बात ये है कि यह नदी बाद में गंगा ( ganga ) में जाकर मिल जाती है।
कर्मनाशा दुनिया की पहली ऐसी नदी है जिसके जल को अछूत माना जाता है, ऐसा कहा जाता है कि जो भी इस नदी के जल को छूता है वो अपवित्र हो जाता है, इतना ही नहीं, ये भी कहा जाता है कि, इस नदी के पानी से खेती करने से सारे फसल बर्बाद हो जाते हैं. हालांकि इन सबसे इतर सच्चाई कुछ और ही है.
कर्मनाशा नदी के रोचक तथ्य Karmanasa River in hindi
कर्मनाशा दो शब्दों से बना है। पहला कर्म दूसरा नाशा... कर्म यानि काम और नाशा मतलब नाश होना। माना जाता है कि कर्मनाशा नदी का पानी छूने से काम बिगड़ जाते हैं और अच्छे कर्म भी मिट्टी में मिल जाते हैं।
इस नदी को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। लोग बताते हैं कि पूर्व की समय इस नदी के किनारे रहनेवाले लोग फल-फूल खाकर रह जाते थे लेकिन इस नदी का पानी प्रयोग में नहीं लाते थे।
काले सांप का काटा आदमी बच सकता है, हलाहल ज़हर पीने वाले की मौत रुक सकती है, लेकिन जिस पौधे को एक बार कर्मनाशा का पानी छू ले, वह फिर हरा नहीं हो सकता.
कर्मनाशा नदी के बारे में नदी के किनारे के लोगों में एक और विश्वास प्रचलित था कि यदि एक बार नदी में बाढ़ आए तो बिना मानुस की बलि लिए लौटती ही नहीं….
हिन्दी के मशहूर कथाकार डॉ. शिव प्रसाद सिंह की कहानी कर्मनाशा की हार के ये अंश उस नदी के बारे में हैं जो प्रचलित किंवदंतियों-आख्यानों में एक अपवित्र नदी मानी गई है, क्योंकि वह कर्मों का नाश करती है.
उसके जल को छूने भर से सारे पुण्य खत्म हो जाते हैं. वैतरणी की तरह. वही वैतरणी, जिसे स्वर्ग जाने से पहले इस पाप नदी को पार करना पड़ता है.
कहावत है कि कर्मनाशा को हर साल प्राणों की बलि चाहिए. बिना बलि लिए उसकी बाढ़ उतरती ही नहीं.
यह भी पढ़े
- घोड़ो के बारे में रोचक तथ्य Interesting/Amazing Facts about Horse in hindi
- Amazing Facts about India in hindi | भारत के बारे में रोचक तथ्य
- भारत का आखिरी गांव, जहां से है स्वर्ग जाने का रास्ता Mana India's Last Village
- Essay on Honey Bee in hindi | Interesting facts मधुमक्खी के बारे में रोचक तथ्य
Karmanasa River MAP
दरअसल कर्मनाशा बेहद उदास नदी है. गंगा की सगी बहन. मनहूस होने के कारण गंगा भी इसे अहमियत नहीं देती. शायद गंगा को गुमान था कि वो पतित पावनी और पाप नाशिनी है. सबके पापों को हर लेती है.
इसके ठीक उलट कर्मनाशा का जल स्पर्श पुण्यहीन कर देता है…. मनुष्य के बने-बनाए काम बिगड़ जाते हैं. जब सच पता चलता है कि कर्मनाशा जीवन देती है तो गंगा का भ्रम दूर हो जाता है….
कर्मनाशा नदी का इतिहास (Karmanasa River History)
कर्मनाशा नदी को लेकर तमाम कथा-कहानियां पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही हमारी परंपरा का जरूरी हिस्सा बनकर पहले से ही हमारे पास ही मौजूद थी.
सच यह है कि कर्मनाशा हमारी अपनी नदी है. हमारे पड़ोस की नदी है. और मेरे लिए तो इसका महत्व कुछ ज्यादा ही है. इसी नदी का पानी माइनर के जरिए हमारे गांव उतरौत में भी आता है.
बचपन से मुझे याद है कि इसी नदी से निकलने वाली माइनर हमारे घर-आंगन और खेतों को सालों-साल से सींचती रही है. इसी माइनर में उतरकर छपाक-छपाक नहाते हुए अक्सर अपने पिता से पिटते थे, लेकिन सदाबहार के डंडों की मार और मां की डाट भी हमारे जुनून को बेअसर कर देती थी….
सच यह है कि दुनिया भर की सभी नदियां प्राकृतिक या दैवीय स्रोतों से अवतरित हुईं, लेकिन कर्मनाशा का स्रोत मानवीय है. संभव है कि वह अस्पृश्य और अवांछित है. कर्मों का नाश करने वाली है. कथा-पुराण, आख्यान, लोक विश्वास जो भी कहें, इस सच्चाई को झुठलाने का कोई ठोस कारण नहीं है कि कर्मनाशा एक जीती-जागती नदी का नाम है.
बारिश के दिनों में इसके तट पर वैसा ही जीवन राग-खटराग बजता रहता है, जैसा दूसरी नदियों के किनारे बजता है. नदी के पेट में दूर तक फैले हुए लाल बालू का मैदान, चांदनी में सीपियों के चमकते हुए टुकड़े, सामने के ऊंचे अरार पर घन-पलास के पेड़ों की आरक्त पांतें, चारों ओर जल-विहार करने वाले पक्षियों का स्वर हर किसी को अपनी आगोश में लेने को विवश कर देते हैं.
Karmanasa River Curse Story कर्मनाशा नदी शापित
गाजीपुर के दिलदारनगर के मिर्चा गांव के साहित्यकार सिद्धेश्वर सिंह कहते हैं कि सत्य घटना पर आधारित कहानी ‘कर्मनाशा की हार’ अंधविश्वास, जात-पात, ऊंच-नीच के बंधन को तोड़ती है. कहानी में गांव में आई बाढ़ को रोकने के लिए एक ओझा मनुष्य बली देने की बात कहता है.
अज्ञानता में फंसे ग्रामीण उसकी बात मान लेते हैं. गांव की एक विधवा औरत और उसके बच्चे को इसके लिए चुना जाता है. इस विधवा औरत से गांव के ब्राह्मण का छोटा भाई प्यार कर बैठता है.
कहानी आगे बढ़ती है तो एक छोटी बच्ची छबीली समाज के भ्रम को तोड़ने का काम करती है. ब्राह्मण भैरो पांडेय को सच्चाई का ज्ञान होता है और अंत में वे फूलमत को अपनी बहू बना लेते हैं.
![]() |
कर्मनाशा नदी | फोटो : रिज़वाना तबस्सुम theprint |
साहित्यकार सिद्धेश्वर बताते हैं कि कर्मनाशा की हार में बार-बार त्रिशंकु का जिक्र आता है. डॉ. राजबली पांडेय के हिन्दू शब्दकोश के मुताबिक सूर्यवंशी राजा त्रिशंकु की कथा के साथ कर्मनाशा के उद्गम को जोड़ा गया.
त्रिशंकु को सत्यवादी हरिश्चंद्र का पिता बताया जाता है. तैत्तिरीय उपनिषद में इसी नाम से एक ऋषि का उल्लेख भी मिलता है. त्रिशंकु दो ऋषियों वशिष्ठ और विश्वामित्र की आपसी प्रतिद्वंद्विता और द्वेष के शिकार होकर अधर में लटक गए.
विश्वामित्र उन्हें स्वर्ग भेजना चाहते थे, जबकि वशिष्ठ मुनि ने अपने मंत्र बल से उन्हें आकाश मार्ग में ही उल्टा लटका दिया. तभी से वो लटके हुए हैं. उनके मुंह से जो लार-थूक गिरा उससे कर्मनाशा नदी का उद्भव हुआ. गंगा की तरह इस नदी में लोग सिक्के प्रवाहित नहीं करते.
नदी के बारे में पौराणिक कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, राजा हरिशचंद्र के पिता सत्यव्रत एक बार अपने गुरु वशिष्ठ से सशरीर स्वर्ग में जाने की इच्छा व्यक्त की।
गुरु वशिष्ठ ने ऐसा करने से मना कर दिया। इसके बाद नाराज सत्यव्रत विश्वामित्र के पास चले गये और यही बात दोहराई। साथ ही उन्होंने वशिष्ठ के मना करने की बात भी बताई।
वशिष्ठ से शत्रुता के कारण विश्वामित्र ने तप के बल पर सत्यव्रत को सशरीर स्वर्ग में भेज दिया। इसे देख इंद्रदेव क्रोधित हो गये और उन्हें उलटा सिर करके वापस धरती पर भेज दिया।
विश्वामित्र ने हालांकि अपने तप से राजा को स्वर्ग और धरती के बीच रोक दिया। ऐसे में सत्यव्रत बीच में अटक गये और त्रिशंकु कहलाए।
राजा की लार से बन गई नदी
पौराणिक कथा के अनुसार देवताओं और विश्वामित्र के युद्ध के बीच सत्यव्रत धरती और आसमान में उलटे लटक रहे थे। इस बीच उनके मुंह से तेजी से लार टपकने लगी और यही लार नदी के तौर पर धरती पर प्रकट हुई।
कहा जाता है कि ऋषि वशिष्ठ ने राजा सत्यव्रत को चंडाल होने का शाप दे दिया था। सत्यव्रत के लार से नदी बनने के कारण इसे शापित नदी कहा गया, जो आज भी लोग मानते हैं।
Karmanasa River Origin बक्सर के पास गंगा में मिल जाती है कर्मनाशा नदी
बिहार के कैमूर जिले से निकलने वाली कर्मनाशा नदी बिहार ( Bihar ) और उत्तर प्रदेश ( Uttar Pradesh ) में बहती है। यह बिहार और यूपी को बांटती भी है।
इस नदी की लंबाई करीब 192 किलोमीटर है। इस नदी का 116 किलोमीटर का हिस्सा यूपी में आता है जबकि बचे हुए 76 किलोमीटर बिहार और यूपी को बांटते हैं।
कर्मनाशा नदी उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, चंदौली, वाराणसी और गाजीपुर से होकर बहती है और बक्सर के पास गंगा में मिल जाती है।
आखिर कैसे हो सकती है कर्मनाशा अपवित्र ?
सवाल ये है कि कर्मनाशा को बदनाम करने के लिए झूठे किस्से-कहानियां क्यों गढ़ी गई? इस सवाल पर साहित्यकार डा.अरविंद मिश्र का तर्क ये है कि मगध क्षेत्र में बौद्ध राजधर्म बन गया था. उसके कारण सनातनियों को मार-मारकर भगाया जा रहा था.
सनातन धर्म से जुड़े लोगों ने नदी को अपवित्र बताकर लोगों को दक्षिण की ओर जाने से प्रतिबंधित करने के लिए कर्मनाशा पर बुराइयों का आरोपण करना शुरू कर दिया. वैतरणी की तरह काल्पनिक कहानियां गढ़ दी गईं.
सनातनियों और बौद्धों के वैचारिक द्वंद्व विभेद का कहर कर्मनाशा पर टूटा. लोकजीवन में लंबे वैचारिक संघर्ष के चलते कर्मनाशा अभिशप्त नदी बन गई.
दूसरी ओर, बौद्ध धर्म में गहरी आस्था रखने वाले बनारस के जाने-माने एक्टिविस्ट डॉ. लेनिन रघुवंशी कहते हैं कि बौद्ध धर्म हिंसा में यकीन करता ही नहीं था. सनातन धर्म से जुड़े लोगों ने बौद्ध धर्मावलंबियों के प्रभाव को रोकने और अपने मुनाफे के लिए कर्मनाशा को बदनाम किया.
Source : रिज़वाना तबस्सुम theprint, The Indian Encyclopaedia, Encyclopædia Britannica, Self Improvement from SelfGrowth.com
यह भी देंखे :
- अभयचरणारविंद भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जीवनी
- Wiki and Biography of Ritesh Agarwal A Self-made Young Entrepreneur
- हलधर नाग : ढाबा में जूठन धोने से लेकर पद्मश्री तक.!
- Maharishi Valmiki Biography "महर्षि वाल्मीकि का जीवन परिचय"
- Albert Einstein Biography in hindi | अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी
दोस्तों, आशा करता हूँ, आपको ‘कर्मनाशा नदी के रोचक तथ्य | Karmanasa River Map, Story, History, Origin' पोस्ट रुचिकर लगी होंगी . अगर यह जानकारी पसंद आयी तो आप कमेंट करके ज़रूर बताये. और अपने Friends को Share भी करें. ‘Interesting Crocodile Facts For Kids’ जैसे अन्य रोचक तथ्य पढ़ने के लिए हमारे वेब पोर्टल पर आते रहे.