आयुध निर्माणी दिवस: 18 मार्च | Ordnance Factory Day in hindi
हर साल 18 मार्च को आयुध निर्माणी दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर पूरे देश में जगह जगह रक्षा उपकरणों की प्रदर्शनी व विभिन्न आयु वर्ग में आयुध दौड़ का आयोजन किया जाता है। रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले रक्षा उत्पाद विभाग को राष्ट्र की रक्षा एवं सुरक्षा के लिए अवसंरचना सम्बन्धी उत्पादों के व्यापक उत्पादन को विकसित करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। रक्षा उत्पाद विभाग ही आयुध निर्माण संगठनों, सार्वजनिक क्षेत्र की रक्षा के उपक्रमों, स्वायत्त संस्थानों की देखरेख करता है।
भारत की सबसे पुरानी आयुध निर्माणी की शुरुआत कोलकाता के कोसीपोर में 18 मार्च, 1802 में की गई थी। ओएफबी विश्व का 37 वां सबसे बड़ा रक्षा उपकरण बनाने वाला निकाय होने के साथ-साथ एशिया का दूसरा सबसे बड़ा और भारत में सबसे बड़ा आयुध निर्माणी है।
भारत की सबसे पुरानी आयुध निर्माणी की शुरुआत कोलकाता के कोसीपोर में 18 मार्च, 1802 में की गई थी। ओएफबी विश्व का 37 वां सबसे बड़ा रक्षा उपकरण बनाने वाला निकाय होने के साथ-साथ एशिया का दूसरा सबसे बड़ा और भारत में सबसे बड़ा आयुध निर्माणी है।
इस दिन को देश भर में राइफलों, तोपों, तोपखाने, गोला-बारूद आदि को प्रदर्शित करके मनाया जाता है। समारोह का आरंभ परेड के साथ शुरू होता है और प्रदर्शनी में विभिन्न पर्वतारोहण अभियानों की तस्वीरों को भी प्रदर्शित किया जाएगा।
आयुध निर्माणी बोर्ड:
आयुध निर्माणी बोर्ड की अध्यक्षता, अध्यक्ष के रूप में महानिदेशक आयुध निर्माणियाँ (डी. जी. ओ. एफ.) द्वारा की जाती है एवं इसमें अपर महानिदेशक पद के 9 सदस्य शामिल हैं। आयुध निर्माणियों को 5 प्रचालन प्रभाग में विभक्त किया गया है, जो मुख्य उत्पादों/प्रौद्योगिकी पर निर्भर करता है। ये निम्नरूप हैं:- गोला बारूद एवं विस्फोटक (ए एंड ई)
- शस्त्र, वाहन एवं उपस्कर (डब्लू वी एंड ई)
- सामग्री एवं घटक (एम एंड सी)
- कवचित वाहन (ए वी)
- आयुध उपस्कर निर्माणी समूह (ओ ई एफ)
आयुध निर्माणी बोर्ड से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य:-
- ओएफबी को भारत की “Fourth Arm of Defence” और “Force Behind the Armed Forces” (सशस्त्र बलों के पीछे बल)" के रूप में भी जाना जाता है.
- ओएफबी रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग के अंतर्गत काम करता है.
- भारतीय आयुध कारखाना भारतीय के सभी सशस्त्र बलों यानि भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना को रक्षा उत्पादों की आपूर्ति करता है.
- ओएफबी द्वारा निर्मित आर्म्स एंड एमुनेशन, वेपन स्पेर्स, केमिकल्स एंड एक्सप्लोसिव्स, पैराशूट्स, लेदर और क्लोदिंग चीजे दुनिया भर के 30 से अधिक देशों में निर्यात किए जा रहे हैं.
- यह दुनिया का 37 वां सबसे बड़ा हथियार निर्माता है। छोटे हथियारों, मिसाइलों, रॉकेट लॉन्चर, रसायनों, विस्फोटकों, खानों, हथगोले, टैंक रोधी युद्ध, आदि के निर्माण के लिए बोर्ड जिम्मेदार है। वर्ष 2017-18 में भारत सरकार की ओर से बोर्ड द्वारा उत्पन्न राजस्व 2 बिलियन अमरीकी डालर था।
History of Ordnance Factory Board आयुध निर्माणी बोर्ड का इतिहास
ओएफबी की स्थापना 1775 में हुई थी और इसका मुख्यालय अयोध्या भवन, कोलकाता में स्थित है। ओएफबी में 41 आयुध कारखानों, 9 प्रशिक्षण संस्थान, 3 क्षेत्रीय विपणन केंद्र और 5 क्षेत्रीय सुरक्षा नियंत्रक शामिल हैं, जो पूरे भारत में फैला हुआ है।
आयुध निर्माणियों के विकास क्रम की मुख्य घटनाएं निम्न प्रकार से सूचीबद्ध की जा सकती हैं-
- 1801: काशीपुर, कोलकाता में गन कैरिज एजेंसी की स्थापना।
- 1802: 18 मार्च, 1802 से काशीपुर में उत्पादन की शुरुआत।
- 1906: भारतीय आयुध निर्माणियों के प्रशासन का दायित्व ‘आई जी आयुध निर्माणियों’ के अधीन आ गया।
- 1933: निदेशक, आयुध निर्माणियाँ को प्रभार प्रदान किया गया।
- 1948: रक्षा मंत्रालय के सीघे नियंत्रण के अधीन।
- 1962: रक्षा मंत्रालय में रक्षा उत्पादन विभाग की स्थापना की गई।
- 1979: दिनांक 02 अप्रैल से आयुध निर्माणी बोर्ड अस्त्तित्व में आया।
ऑर्डनेंस फैक्ट्री डे पर की जाने वाली गतिविधियाँ
आयुध कारखाने दिवस भारत में पहले आयुध कारखाने की शुरुआत को याद करने के लिए मनाया जाता है। यह दिवस देश के सभी आयुध कारखानों में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस उत्सव को प्रत्येक कारखाने में महाप्रबंधक द्वारा झंडा लगाकर शुरू किया जाता है और अपने देश की सेवा के लिए आयुध कारखाने के सभी कर्मचारी और अधिकारी प्रतिज्ञा लेते है। अधिकारी अपने निगमों द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुसार अपने कारखानों के बेहतर होने के लिए अपनी सेवाओं को समर्पित करने के लिए अपने संबंधित कारखानों के कर्मचारियों को सम्मानित करते हैं।
यह कार्यक्रम देश के सभी आयुध कारखानों में उत्पादकता, गुणवत्ता और अन्य विषयों पर सम्मेलनों और सेमिनार जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करके मनाया जाता है। यह दिन कर्मचारियों के बीच एकता और भाईचारे की भावना को बढ़ावा देता है। वे दिल से महसूस करते हैं कि वे बड़े परिवार के सदस्य हैं। आयुध कारखानें जो देश के अलग-अलग दूर-दराज क्षेत्रों में स्थित हैं कल्याणकारी गतिविधियों को भी व्यवस्थित करते हैं। वे अपने कर्मचारियों को स्कूली शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और आवास प्रदान करते हैं। महिला कल्याण संघ ने आयुध कारखानों के कर्मचारियों के परिवारों और कारखानों की सम्पदा में पर्यावरण की वृद्धि के लिए बेहद योगदान दिया है।
विभिन्न कारखानों के भविष्य की आधुनिकीकरण योजनाओं को भी साझा करना जरुरी है ताकि कर्मचारी निर्धारित मिशनों को पूरा करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर काम कर सके। आयुध कारखाने के उत्पादों को प्रदर्शित किया जाता है जिसमें कई प्रकार के पिस्तौल, लेज़र मशीनगन, बंदूकें और अन्य हथियार शामिल हैं जिसमें मल्टीमीडिया प्रस्तुति भी शामिल हैं जो सभी कर्मचारियों के लिए खुली हैं। इन प्रदर्शनियों में आम तौर पर कर्मचारियों, कामगारों, संबंधित कारखानों के अधिकारियों और कई संघों, यूनियनों और महासंघों के प्रतिनिधियों द्वारा भाग लिया जाता है।
इंडियन ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज़ सर्विस (IOFS)
इंडियन ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज़ सर्विस भारतीय सरकार की नागरिक सेवा है। IOFS के अधिकारी राजपत्रित रक्षा हैं - रक्षा मंत्रालय के द्वितीयक नागरिक अधिकारी। वे भारतीय आयुध कारखानों के प्रबंधन के लिए जवाबदेह हैं। IOFS के अधिकारियों द्वारा निष्पादित प्रमुख कार्यों में परियोजना प्रबंधन, उत्पाद विकास और अनुसंधान, गुणवत्ता नियंत्रण, सामग्री प्रबंधन, आपूर्ति प्रबंधन, उत्पादन नियंत्रण और नियोजन, औद्योगिक सुरक्षा, कार्मिक प्रबंधन, श्रम कल्याण, औद्योगिक संबंध, रखरखाव और आवासीय के प्रबंधन शामिल हैं।
सम्पदा और इन अन्य विभिन्न कार्यों के निर्वहन में IOFS अधिकारी रक्षा मंत्रालय, व्यापार और औद्योगिक संगठनों के तहत कई अनुसंधान और विकास संगठनों, शैक्षिक संस्थानों, गुणवत्ता नियंत्रण एजेंसियों, सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों के साथ बड़े पैमाने पर सहयोग बनाए रखते हैं।
IOFS अधिकारियों की भर्ती की प्रक्रिया संघ लोक सेवा आयोग द्वारा निष्पादित होती है जबकि नागपुर में नेशनल एकेडमी ऑफ डिफेंस प्रॉडक्शन इन अधिकारियों को सार्वजनिक प्रशासन, प्रबंधन, प्रौद्योगिकी के पुन: अभिविन्यास और प्रेरण पाठ्यक्रम के रूप में प्रशिक्षण देता है।
भारतीय आयुध निर्माणी:
भारतीय आयुध निर्माणियाँ एक भव्य औद्योगिक संरचना हैं जो रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग के अंतर्गत कार्य करती हैं। भारतीय आयुध निर्माणियाँ जिसका मुख्यालय कोलकाता में है, वह 39 निर्माणियों, 9 प्रशिक्षण संस्थान, 3 क्षेत्रीय विपणन केन्द्र ओर 4 क्षेत्रीय संरक्षा नियंत्रणालयों का समूह है। आज आयुध निर्माणी बोर्ड भारतवर्ष में फैली 39 निर्माणियों के साथ प्रदान करता है :-
- बहु – प्रौद्योगिकी सामर्थ्यताओं के साथ एक बृहत् और परिवर्तनीय उत्पादन आधार।
- अत्याधुनिक उत्पादन सुविधाएं।
- कुशल और पेशेवर अर्हता प्राप्त जन शक्ति और प्रबंधकीय कार्मिकों का बृहत् भंडार।
- गुणवता मानकों का सख्त पालन (सभी इकाईयाँ आई. एस. ओ. 9000 प्रमाणित है)।
- आवश्यकता आधारित परिष्करण एवं सुधार के लिए मौलिक एवं अनुकूलित अनुसंधान एवं विकास।
- अभियांत्रिकी सामर्थ्यता को आगे बढाना।
- औद्योगिक प्रशिक्षण सुविधाओं के लिए एक मजबूत आधार।
- सुविधाजनक स्थान के कारण रेडी मार्केट तक पहुँच।
भौगोलिक विस्तार:
भारतवर्ष में 39 आयुध निर्माणियाँ 24 विभिन्न भौगोलिक स्थानों पर स्थित हैं।
राज्य एवं संघ शासित प्रदेशों के नाम | निर्माणियों की संख्या |
महाराष्ट्र | 10 |
उत्तर प्रदेश | 8 |
मध्य प्रदेश | 6 |
तमिलनाडु | 6 |
पश्चिम बंगाल | 4 |
उत्तरांचल | 2 |
आंध्र प्रदेश | 1 |
चण्डीगढ़ | 1 |
उड़ीसा | 1 |
40 वीं निर्माणी की स्थापना बिहार के नालंदा में हो रही है।
निष्कर्ष
ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज़ बोर्ड भारत के सशस्त्र बलों के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसलिए आयुध कारखाने दिवस को महत्व दिया जाना चाहिए। संगठन न केवल विभिन्न सशस्त्र बलों के लिए हथियारों की आपूर्ति करता है बल्कि यह ग्राहकों की अन्य इच्छाओं को भी पूरा करता है जिसमें गोला-बारूद, हथियार, माइन संरक्षित वाहन, बुलेट प्रूफ वाहन, कपड़े आदि के संबंध में राज्य पुलिस बल और केंद्रीय अर्धसैनिक बल शामिल हैं। आयुध कारखाना दिवस पूरे भारत में आयुध मंडल के सार के बारे में सामान्य जागरूकता के ज्ञान को प्रदान करता है। आम लोगों का भी भव्य समारोह में स्वागत किया जाता है जहां वे प्रदर्शनियां, परेड आदि देख सकते हैं।