अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस क्या है | इसे कब और क्यों मनाया जाता है?
International Day of Happiness अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस : 20 मार्च
प्रतिवर्ष 20 मार्च को सम्पूर्ण देश में अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस (International Day of Happiness) मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र ने भूटान की पहल पर 20 मार्च को अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस घोषित किया है, जो सकल राष्ट्रीय उत्पाद के ऊपर सकल राष्ट्रीय आनंद की अवधारणा को लगातार महत्त्व देता है.
यह दिवस साल 2013 से प्रतिवर्ष विश्व भर में खुशी के महत्व को समझने हेतु मनाया जाता है. पहला अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस 20 मार्च 2013 को मनाया गया था. अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस एक विश्वव्यापी आंदोलन की भांति कार्य कर रहा है जो प्रसन्नता को मौलिक मानव अधिकार बनाये जाने हेतु जागरूकता प्रदान कर रहा है.
अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस पृष्ठभूमि
अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस की अवधारणा भूटान के ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस (जीएनएच) संकल्पना पर आधारित है. भूटान ने 20 मार्च को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है ताकि परिवार के लोग एक साथ रह सकें.
भूटान के प्रधानमंत्री जिग्मे वाई थिनले ने कहा कि प्रसन्नता दिवस पर अवकाश घोषित कर सरकार ने हरेक देशवासी को यह सोचने का अवसर दिया है कि जीवन में आनंद की प्राप्ति हेतु क्या जरूरी है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने इस अवसर पर समावेशी और स्थाई मानव विकास की प्रतिबद्धता दोहराने और दूसरों की सहायता करने की अपील की है.
International Day of Happiness theme
इस साल के इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस कैंपेन की थीम 'सभी के लिए खुशी, एक साथ (Happiness for All, Together)' है।
इस मौके पर इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस अभियान ने विश्व में रह रहे लगभग 7.8 बिलियन लोगों और पृथ्वी के सभी 206 देशों और क्षेत्रों से एकजुटता से खुशहाल रहने और साथ मिलकर COVID 19 कोरोवायरस से लड़ने का संकल्प लेने का आह्वान किया है।
International Day Of Happiness : इतिहास
पहली बार 2006 में अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस प्रस्तावित किया गया था, जब जेमी इलिएन ने “हैप्पीटलिज़्म” का प्रस्ताव दिया था। जेमी इलिएन संयुक्त राष्ट्र की नई विश्व व्यवस्था परियोजना, 2006 के सीईओ थे।
हालांकि “हैप्पीटलिज़्म” के कांसेप्ट को संयुक्त राष्ट्र ने ठुकरा दिया था। बाद में 2008 में जेमी इलिएन के सुझाव पर अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस को स्वीकृत किया गया।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2013 से दुनिया भर के लोगों के जीवन में खुशी के महत्व को पहचानने के लिए हर साल इंटरनेशनल डे ऑफ हेप्पीनेस के रूप में मनाया जाता है।
भारत के संबंध में इस दिवस का महत्व
प्रसन्नता के स्तर में देश में उत्तरोत्तर सुधार नहीं होने के कारण से भारत की अधिकतर आबादी तनावग्रसित है. संयुक्त राष्ट्र की 'विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2019' के अनुसार, भारत खुशहाल देशों की सूची में पिछले साल के मुकाबले सात स्थान नीचे गिरकर 140वें स्थान पर पहुंच गया है. इस सूची में 156 देशों को शामिल किया गया है जिसमें फिनलैंड लगातार दूसरी बार शीर्ष पर है.
विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2019 में कहा गया है कि विश्व भर में उदासी, चिंता तथा गुस्से जैसी नकारात्मक भावनाओं में वृद्धि हुई है. पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले विश्व की औसत प्रसन्नता दर में भारी कमी आई है. भूटान से ही प्रसन्नता को मापने की अवधारणा शुरू हुई थी. यह रिपोर्ट प्रति व्यक्ति आय, जीडीपी, स्वास्थ्य, सामाजिक सहयोग, आपसी विश्वास, जीवन संबंधी निर्णय लेने की स्वतंत्रता और उदारता जैसे संकेतकों पर तैयार की जाती है.