सुगम्य भारत अभियान | Accessible India Campaign in hindi
सुगम्य भारत अभियान के बारे में
- नि:शक्तजनों के लिए राष्ट्रव्यापी सुगम्य भारत अभियान शुरु किया गया है । राष्ट्रव्यापी यह अभियान नि:शक्तजनों को सार्वभौमिक पहुंच प्राप्त करने, विकास के लिए समान अवसर प्रदान करने, स्वतंत्र जीविका तथा समावेशी समाज के सभी पक्षों में उनकी भागीदारी में सहायक होगा।
- सुगम्य भारत अभियान सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग (Department of Empowerment of Person with Disability) का राष्ट्रव्यापी महत्त्वपूर्ण अभियान है।
- इस अभियान की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री द्वारा 3 दिसंबर, 2015 को विकलांग व्यक्तियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर की गई थी।
- यह अभियान विकलांगता के सामाजिक मॉडल के इस सिद्धांत पर आधारित है कि किसी व्यक्ति की सीमाओं और अक्षमताओं के कारण नहीं बल्कि सामाजिक व्यवस्था के तरीके के कारण विकलांगता है।
सुगम्य भारत अभियान उद्देश्य (Accessible India Campain Aim)
इस अभियान का उद्देश्य देशभर में दिव्यांगजनों के लिये बाधा रहित और सुखद/अनुकूल वातावरण तैयार करना है।विकलांग व्यक्तियों को जीवन के सभी क्षेत्रों में भागीदारी करने के लिए समान अवसर एवं आत्मनिर्भर जीवन प्रदान करना है। सुगम्य भारत अभियान सुगम्य भौतिक वातावरण, परिवहन, सूचना एवं संचार पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर केंद्रित है।
विकलांग व्यक्तियों के सामाजिक-आर्थिक बदलाव के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ भारत सरकार सार्वभौमिक पहुँच के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता पैदा करने हेतु प्रयास कर रही है।
Accessible India Campain विज़न/दृष्टिकोण:
अभियान का दृष्टिकोण एक समावेषी समाज की परिकल्पना है जिसमें दिव्यांग व्यक्तियों की प्रगति और विकास के लिए समान अवसर उपलब्ध हों ताकि वे उत्पादक, सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें।
एक समावेशी समाज में विकलांग व्यक्तियों की समान अवसरों तक पहुंच सुनिश्चित करने और आत्मनिर्भरपूर्वक रहने और जीवन के सभी क्षेत्रों में पूर्ण रुप से भाग लेने में उन्हें सक्षम बनाने हेतु, उनकी सार्वभौमिक (यूनिवर्सल) पहुंच सुनिश्चित करना आवश्यक है। विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग, ने विकलांग व्यक्तियों हेतु सार्वभौमिक सुगम्यता प्राप्त करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी फ्लैगशिप अभियान सुगम्य भारत अभियान की शुरूआत की है, जो समावेशी समाज में, विकलांग व्यक्तियों को समान अवसर तथा स्वतंत्र जीवन यापन और जीवन के सभी क्षेत्रों में भागीदारी करने के लिए सक्षम बनाने में मदद करेगा।
उठाये गये महत्वपूर्ण कदम
- सुगमता के संवर्धन के लिए संस्थागत समन्वय, प्रवर्तन तंत्र तथा विकलांग व्यक्ति अधिनियम की जागरूकता के सम्मिश्रण द्वारा अभियान के कार्यान्वयन हेतु केन्द्रीय मंत्रालय/विभागों,
- ज्य सरकारों सुगम्यता पेशेवरों तथा विशेषज्ञों के प्रतिनिधियों के साथ, एक संचालन समिति और एक कार्यक्रम निगरानी यूनिट का गठन किया गया है।
- पहले चरण में 48 शहरों को चुना गया है जिनमें सरकारी भवन तथा सार्वजनिक सुविधाओं को जुलाई, 2016 तक पूर्णतः सुगम्यता में बदला जाना है।
- सुगम्यता के बारे में जागरूकता फैलाने तथा सुगम्य भवनों, सुगम्य परिवहन तथा सुगम्य वेबसाइट का निर्माण।
कार्ययोजना
- सभी प्रमुख स्टेकहोल्डर्स जैसे स्थानीय जन प्रतिनिधि, राज्यों के सरकारी अधिकारी, शहरी विकास विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पीडब्ल्युडी, पुलिस, सड़क, रेलवे, एयरपोर्ट के प्रतिनिधि, पेशेवर लोग जैसे-इंजीनियर, वास्तुविद, रियल स्टेट डेवलेपर्स, न्यायाधीश, छात्र, एनजीओ, सार्वजनिक क्षेत्र तथा अन्यों के प्रतिनिधि आदि को संवेदी बनाने के लिए क्षेत्रीय जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन किए जाने की योजना।
- सार्वजनिक प्रचार सामग्री जैसे-ब्रॉशर, शैक्षिक बुकलेट, पोस्टर आदि तथा सुगम्यता के मुद्दे पर वीडियो का सृजन तथा प्रसार।
- सुगम्यता स्थानों के बारे में व्यापक जानकारी प्राप्त करने के लिए जनसमूह एकत्र करने के मंच के सृजन हेतु, ‘मोबाइल एप’ सहित पोर्टल का सृजन, रैम्पस, सुगम्य टॉयलेट तथा सुगम्य रैम्पस आदि सृजन हेतु प्रस्तावों की मंजूरी के लिए जानकारी प्रदान करना तथा सुगम्य भवनों तथा परिवहन के सृजन हेतु सीएसआर संसाधनों को चैनेलाइज्ड करना।
- देशभर में निकटवर्ती सुगम्य स्थानों का पता करने के लिए, अंग्रेजी हिंदी तथा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में एक मोबाइल एप्लिकेशन विकसित करना।
निर्धारित लक्ष्य
- अभियान के अंतर्गत राष्ट्रीय राजधानी तथा राज्यों के राजधानियों के सभी सरकारी भवनों के पचास प्रतिशत को जुलाई 2018 तक नि:शक्तजनों के लिए सुगम बनाना।
- देश में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों तथा ए1,ए तथा बी श्रेणी के स्टेशनों को जुलाई 2016 तक नि:शक्तजनों के लिए सुगम बनाना।
- मार्च 2018 तक देश में सरकारी क्षेत्र के परिवहन वाहनों को नि:शक्तजनों के लिए सुगम बनाना।
- यह सुनिश्चित करना कि केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों द्वारा जारी किए जाने वाले सार्वजनिक दस्तावेजों का कम से कम पचास प्रतिशत हिस्सा नि:शक्तजनों के लिए पहुंच मानकों को पूरा करें।
नवाचार सुगम्य भारत अभियान
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और नैसकॉम फाउंडेशन द्वारा विकलांग लोगों को सशक्त बनाने के लिए संयुक्त रूप से नवाचार सुगम्य भारत अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य प्रौद्योगिकी और उपकरणों की मदद से सभी क्षेत्रों में भागीदारी करने के लिए समान अवसर तक पहुंच प्रदान करने के लिए विकलांग व्यक्तियों को सशक्त बनाना है।

"नवाचार सुगम्य भारत अभियान" अभियान माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और नैसकॉम फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग, राष्ट्रीय अनुसंधान और शिक्षा नेटवर्क और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर शुरू किया गया है। इस अभियान में माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य तकनीकों का उपयोग करके विकसित किए गए व्यावहारिक प्रौद्योगिकी समाधान के एक एग्रीगेटर के रूप में कार्य किया जाएगा। इन 21 समाधानों का उपयोग विकलांग व्यक्तियों द्वारा अनुभव किए गए आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त जैसे शिक्षा, कौशल निर्माण, रोजगार, गतिशीलता, पुनर्वास और अन्य सरकारी सेवाओं में सहायता प्राप्त करने के लिए किया जाएगा।
इस अभियान में छात्रों, नागरिकों और सामाजिक प्रभाव संगठन शामिल होंगे। इस अभियान में विकसित किए गए शीर्ष 10 सर्वश्रेष्ठ समाधानों को माइक्रोसॉफ्ट इंडिया और नैसकॉम फाउंडेशन द्वारा सहायता प्रदान करने के साथ-साथ समाधान को विकसित करने और स्केल करने के लिए अनुदान भी दिया जाएगा।