उल्सूर झील (Ulsoor Lake) के बारे में
Ulsoor Lake
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal-NGT) की दक्षिणी पीठ ने बंगलूरू की उल्सूर झील (Ulsoor Lake) और आसपास क्षेत्रों से पानी के नमूने इकट्ठा करने एवं उसकी जाँच करने के लिये एक संयुक्त समिति के गठन का निर्देश दिया है।
समिति की संरचना:
- इस समिति में बंगलूरू शहर के डिप्टी कमिश्नर, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय एवं कर्नाटक राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक, ब्रुहट (Bruhat) बंगलूरू महानगर पालिका के कमिश्नर इत्यादि लोग शामिल होंगे।
समिति के कार्य:
- इस समिति को उल्सूर झील एवं इसके आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण करने, प्रदूषण के स्रोतों का पता लगाने एवं प्रदूषण के लिये ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही समिति को उपचारात्मक उपायों का सुझाव देने के लिये भी कहा गया है।
- उल्सूर झील के जल में न केवल बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (Biochemical Oxygen Demand- BOD) एवं केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (Chemical Oxygen Demand-COD) की जाँच की जाएगी अपितु आर्सेनिक एवं फॉस्फोरस जैसे मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले तत्वों की भी जाँच की जाएगी।
उल्सूर झील (Ulsoor Lake) के बारे में
अवस्थित:
- यह बंगलूरू (कर्नाटक) की बड़ी झीलों में से एक है तथा यह झील बंगलूरू शहर के पूर्वी हिस्से में अवस्थित है।
क्षेत्रफल:
- यह झील 50 हेक्टेयर (123.6 एकड़) क्षेत्र में फैली हुई है तथा इसमें कई द्वीप भी हैं।
अन्य नाम:
- इस झील को हलासुरु झील (Halasuru Lake) भी कहा जाता है। ध्यातव्य है कि इसका यह नाम बंगलूरू के हलासुरु क्षेत्र में इसकी अवस्थिति के कारण पड़ा है।
- इस झील को केंपे गौड़ा (Kempe Gowda) के बनवाया था। केंपे गौड़ा विजयनगर साम्राज्य (1336-1646 ईस्वी) के एक सामंत थे। ध्यातव्य है कि भारतीय राज्य कर्नाटक की राजधानी बंगलूरू शहर की स्थापना केंपे गौड़ा ने वर्ष 1537 में की थी।
- वर्ष 2016 में इस झील में ऑक्सीजन के स्तर में कमी के कारण हजारों मछलियों के मरने की घटना सामने आई थी।