National Science Day Speech-Essay : राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर भाषण-निबंध हिंदी में
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस | |
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस प्रतीक चिह्न 2013
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विवरण
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विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में प्रत्येक वर्ष भारत में 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस' मनाया जाता है।
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तिथि
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28 फ़रवरी
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उद्देश्य
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विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित व प्रेरित करना तथा जनसाधारण को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है।
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शुरुआत
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28 फ़रवरी, 1928 को रमन प्रभाव की खोज की हुई। इसी उपलक्ष्य में भारत में 1986 से हर वर्ष 28 फ़रवरी 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
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अन्य जानकारी
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विज्ञान की लोकप्रियता को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय एवं दूसरे पुरस्कारों की घोषणा भी की जाती है। विज्ञान की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए विशेष पुरस्कार भी रखे गए हैं।
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राष्ट्रीय विज्ञान दिवस विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में हर साल 28 फ़रवरी को भारत में मनाया जाता है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत में क्यों मनाया जाता है? Why National Science Day is Celebrated?
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस रमन प्रभाव की खोज के कारण मनाया जाता है इस खोज की घोषणा भारतीय वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकट रमन (सर सी वी रमन ने 28 फ़रवरी सन् 1928 को की थी। इसी खोज के लिये उन्हे 1930 में नोबल पुरस्कार दिया गया था। यह किसी भी भारतीय व एशियन व्यक्ति द्वारा जीता गया पहला नोबल पुरस्कार था।भारत सरकार ने 1986 में तय किया कि हर वर्ष 28 फरवरी का दिन सीवी रमन द्वारा रमन इफेक्ट की खोज के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। इस बार की थीम है- महिलाएं और विज्ञान (Women in Science)। इस दिन देश भर में विज्ञान और नवोन्मेष को प्रोत्साहित करने और उसके महत्व को बताने के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का उद्देश्य
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित व प्रेरित करना तथा जनसाधारण को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है। विज्ञान के बिना विकास की राह में तीव्रता से आगे नहीं बढ़ा जा सकता है। विज्ञान से गलत धारणा और अंधविश्वासों का विनाश होता है। विज्ञान और तकनीक को प्रसिद्ध करने के साथ ही देश के नागरिकों को इस क्षेत्र मौका देकर नई उंचाइयों को हासिल करना भी इसका मुख्य उद्देश्य है।
देश के विकास के लिए वैज्ञानिक सोच का प्रसार आवश्यक है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस जैसे आयोजन वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रसार में निश्चित रूप से सहायक सिद्ध हो सकते हैं। विज्ञान के द्वारा ही हम समाज के लोगों का जीवन स्तर अधिक से अधिक खुशहाल बना सकते हैं। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कैसे मनाया जाता है How National Science Day is Celebrated in India?
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत में हर साल मुख्य विज्ञान त्योहारों में से एक के रूप में मनाया जाता है, जिसके दौरान स्कूलों और कॉलेजों के छात्र विभिन्न विज्ञान परियोजनाओं के साथ ही राष्ट्रीय और राज्य विज्ञान संस्थानों भी अपने नवीनतम शोधों को दर्शाते हैं।
उत्सव में सार्वजनिक भाषण, रेडियो-टीवी टॉक शो, विज्ञान फिल्मों की प्रदर्शनी, विषय और अवधारणाओं पर आधारित विज्ञान प्रदर्शनी, रात का आकाश, लाइव परियोजनाएं और शोध प्रदर्शन, बहस, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं, व्याख्या, विज्ञान मॉडल प्रदर्शनियों और कई और अधिक गतिविधियां शामिल हैं।
यह हर साल वृहत मीटरवेव रेडियो दूरबीन (जिसे GMRT-Giant Metrewave Radio Telescope भी कहा जाता है) में बेहद जुनून के साथ खोडद में मनाया जाता है| जो कि TIFR-Tata Institute of Fundamental Research (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च) द्वारा स्थापित NCRA-National Center for Radio Astrophysics (नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स) द्वारा कम रेडियो आवृत्तियों पर संचालित एक विश्वव्यापी प्रसिद्ध दूरदर्शक है।
रेडियो खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी के क्षेत्र में उनकी अग्रणी अनुसंधान गतिविधियों को पहचानने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह में NCRA और GMRT द्वारा विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
रेडियो खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी के क्षेत्र में उनकी अग्रणी अनुसंधान गतिविधियों को पहचानने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह में NCRA और GMRT द्वारा विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने के लिए आम जनता और छात्र समुदाय के लिए कार्यक्रमों की विविधता भी आयोजित की जाती है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री इस दिन अपने भाषण के माध्यम से छात्रों, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और राष्ट्र की सामान्य जनता को संदेश देते हैं।
इस दिन सभी विज्ञान संस्थानों, जैसे राष्ट्रीय एवं अन्य विज्ञान प्रयोगशालाएं, विज्ञान अकादमियों, स्कूल और कॉलेज तथा प्रशिक्षण संस्थानों में विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों से संबंधित प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं। महत्त्वपूर्ण आयोजनों में वैज्ञानिकों के भाषण, निबंध, लेखन, विज्ञान प्रश्नोत्तरी, विज्ञान प्रदर्शनी, सेमिनार तथा संगोष्ठी इत्यादि सम्मिलित हैं। विज्ञान के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए राष्ट्रीय एवं दूसरे पुरस्कारों की घोषणा भी की जाती है। विज्ञान की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए विशेष पुरस्कार भी रखे गए हैं।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का थीम (विषय)
वर्ष 1999
- “हमारी बदलती धरती”।
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वर्ष 2000
- “मूल विज्ञान में
रुचि उत्पन्न करना”।
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वर्ष 2001
- “विज्ञान शिक्षा के
लिये सूचना तकनीक”।
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वर्ष 2002
- “पश्चिम से धन”।
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वर्ष 2003
- “जीवन की रुपरेखा- 50 साल का डीएनए और 25 वर्ष का आईवीएफ”।
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वर्ष 2004
- “समुदाय में
वैज्ञानिक जागरुकता को बढ़ावा देना”।
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वर्ष 2005
-“भौतिकी को मनाना”।
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वर्ष 2006
- “हमारे भविष्य के
लिये प्रकृति की परवरिश करें”।
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वर्ष 2007
- “प्रति द्रव्य पर
ज्यादा फसल”।
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वर्ष 2008
- “पृथ्वी ग्रह को
समझना”।
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वर्ष 2009
- “विज्ञान की सीमा
को बढ़ाना”।
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वर्ष 2010
- “दीर्घकालिक विकास
के लिये लैंगिक समानता, विज्ञान और तकनीक”।
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वर्ष 2011
- “दैनिक जीवन में
रसायन”।
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वर्ष 2012
- “स्वच्छ ऊर्जा
विकल्प और परमाणु सुरक्षा”।
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वर्ष 2013
- “अनुवांशिक संशोधित
फसल और खाद्य सुरक्षा”।
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वर्ष 2014
- “वैज्ञानिक
मनोवृत्ति को प्रोत्साहित करना”।
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वर्ष 2015
- “राष्ट्र निर्माण
के लिये विज्ञान”।
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वर्ष 2016
- "देश के विकास के
लिए वैज्ञानिक मुद्दों पर सार्वजनिक प्रशंसा बढ़ाने के लक्ष्य" ।
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वर्ष 2017
- "विशेष रूप से
एबल्ड पर्सन के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी"।
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वर्ष 2018
- "एक सतत भविष्य के
लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी।"
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वर्ष 2019
- "विज्ञान के लिए जन
और जन विज्ञान के लिए विज्ञान।"
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वर्ष 2020
- "Women in Science (विज्ञान में
महिलाएं)"
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