वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2020-2021 पर एक नजर
Budget 2020: अब तक के बड़े एलान, जानें किसको हुआ फायदा और नुकसान
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में वित्त वर्ष 2020-21 का केन्द्रीय बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और केंद्र सरकार का कर्ज घटकर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 48.7 प्रतिशत पर आ गया है। यह मार्च, 2014 में 52.2 प्रतिशत था। मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आर्थिक विकास दर 10 फीसदी रहने का अनुमान जताया, वहीं टैक्स स्लैब में बड़ा बदलाव किया। इसके अलावा किसानों के लिए कई ऐलान भी किया गया। तो चलिए जानते हैं आज के बजट में किसको क्या मिला:
केन्द्रीय बजट 2020-21 की मुख्य बातें इस प्रकार हैं-
बजट के तीन प्रमुख घटक-
- महत्वाकांक्षी भारत - भारत जिसमें समाज के सभी वर्गों के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा की पहुंच और रोजगार के बेहतर अवसर हो, ताकि उनके जीवन का स्तर अच्छा हो सके।
- सभी के लिए आर्थिक विकास - 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास' ।
- जिम्मेदार समाज - मानवीय और सहृदय, अन्त्योदय, आस्था का आधार।
तीन बड़े विषयों को एक साथ लाया जाना
- भ्रष्टचार मुक्त, नीति निर्देशित और सक्षम शासन।
- साफ-सुथरा और मजबूत वित्तीय क्षेत्र।
केन्द्रीय बजट में जीवन सुगमता को तीन प्रमुख विषयों के रूप में रेखांकित किया गया हैं
- कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास
- आरोग्य, जल और स्वच्छता
- शिक्षा और कौशल
TAX SLAB
5 लाख से 7.5 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए आयकर 20 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक काटा जाएगा। 7.5 से 10 लाख रुपये की आय वालों के लिए आयकर 20 प्रतिशत से 15 प्रतिशत तक काटा जाएगा। 10 रुपये से 12.5 लाख रुपये की आय वालों के लिए आयकर 30 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक काटा जाएगा। 12.5 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए आयकर 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत किया जाएगा। 15 लाख रुपये से अधिक आय वालों के लिए 30 प्रतिशत कर की दर अभी भी लागू होगी। 5 लाख रुपये कमाने वालों के लिए कोई कर नहीं होगा और 690 बिलियन रुपये हेल्थकेयर खर्च पर खर्च होंगे।
कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास के लिए 16 सूत्री कार्य योजना
- निम्नलिखित 16 सूत्री कार्य योजना के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपये का आबंटन
- कृषि, सिंचाई और संबंधित गतिविधियों के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये।
- ग्रामीण विकास और पंचायती राज केलिए 1.23 लाख करोड़ रुपये।
कृषि ऋण
- 2020-21 के लिए 15 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य तय।
- पीएम-किसान लाभार्थियों को केसीसी योजना के तहत लाने का प्रस्ताव।
- नाबार्ड की पुनर्वित्त योजना को और विस्तार देना।
- जल संकट से जूझ रहे 100 जिलों के लिए वृहद उपायों का प्रस्तावों
नीली अर्थव्यवस्था
- 2024-25 तक मत्स्य निर्यात को एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना।
- 2022-23 तक देश में 200 लाख टन मत्स्य उत्पाद का लक्ष्य।
- 3,477 मित्रों और 500 मत्स्य पालन कृषक संगठनों द्वारा युवाओं को मत्स्य पालन क्षेत्र से जोड़ना।
- शैवालों और समुद्री खरपतवारों की खेती तथा केज कल्चर को प्रोत्साहित करना।
- समुद्री मत्स्य संसाधनों के विकास प्रबंधन और संरक्षण के लिए फ्रेमवर्क तेयार करना।
किसान रेल - सार्वजनिक और निजी भागीदारी के माध्यम से भारतीय रेल द्वारा किसान रेल सेवा शुरू करने का प्रस्ताव
- दूध, मांस और मछली आदि जैसे जल्दी खराब होने वाले उत्पादों के लिए बाधा रहित राष्ट्रीय प्रशीतन आपूर्ति श्रृंखला बनाने का प्रस्ताव।
- एक्सप्रेस और मालगाडि़यों में प्रशीतन डिब्बे लगाने का प्रस्ताव।
- नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा कृषि उड़ान योजना की शुरूआत करना -
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों हवाई मार्गों पर इस सेवा का संचालन।
- पूर्वोत्तर ओर जनजातीय क्षेत्रों के जिलों को कृषि उत्पादों का बेहतर मूल्य मिलना।
बागवानी क्षेत्र में विपणन और निर्यात को बेहतर बनाने के लिए 'एक उत्पाद, एक जिला' की नीति –
- सभी तरह के पारम्परिक जैविक और नवोन्मेषी उवर्रकों का संतुलित इस्तेमाल।
- जैविक, प्राकृतिक और एकीकृत खेती को बढ़ावा।
- जैविक खेती पोर्टल- जैविक उत्पादों के ऑनलाइन राष्ट्रीय बाजार को मजबूत बनाना।
- जीरो बजट प्राकृतिक खेती- (जैसा कि जुलाई 2019 के बजट में दर्शाया गया) को शामिल करना।
- सिंचाई के लिए वर्षा, जल आधारित क्षेत्रों में एकीकृत खेती प्रणाली का विस्तार।
- गैर फसल मौसम में बहुस्तरीय फसल, मधुमक्खी पालन, सौर-पंपों तथा सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना।
- योजना के तहत 20 लाख किसानों को सौर ऊर्जा पंप लगाने में मदद।
- अतिरिक्त 15 लाख किसानों को ग्रिड से जुड़े पंप सैटों को सौर ऊर्जा चलित बनाने में मदद करना।
- किसानों को अपनी प्रति या खाली जमीन पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में मदद की योजना।
ग्राम भंडारण योजना
- किसानों के लिए स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित भंडारण व्यवस्था, ताकि उत्पादों पर लॉजिस्टिक लागत कम हो सके।
- महिलाओं के स्व-सहायता समूहों को फिर से धन्य लक्ष्मी का स्थान पाने में मदद।
- नाबार्ड द्वारा कृषि भंडारो, कोल्ड स्टोरों तथा प्रशीतन वैन सुविधाओं का नक्शा बनाना और उनका जीओ टैगिंग करना
- वेयर हाऊस विकास एवं नियामक प्राधिकरण द्वारा भंडार गृहों की स्थापना के लिए नियम-
- खंडों और तालुक स्तर पर सक्षम भंडार गृह बनाने के लिए पूंजी की कमी की भरपाई करना।
- भारतीय खाद्य निगम और केन्द्रीय भंडारण निगम भी अपनी जमीन पर ऐसे भंडार गृह बनाएगे।
- नेगोशिएबल वेयरहाऊसिंग रिसीट पर किया जाने वाला वित्त पोषण ई-नाम के साथ एकीकृत किया जाएगा।
- केन्द्र सरकार द्वारा जारी मॉडल कानूनों पर अमल करने वाली राज्य सरकारों को प्रोत्साहन दिए जाएंगे।
पशुधन :
- दूध प्रसंस्करण क्षमता को वर्ष 2025 तक 53.5 मिलियन एमटी से दोगुना कर 108 मिलियन एमटी के स्तर पर पहुंचाया जाएगा।
- कृत्रिम गर्भाधान की कवरेज को मौजूदा 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया जाएगा।
- चारागाह को विकसित करने के लिए मनेरगा का संयोजन किया जाएगा।
- मवेशियों के खुर एवं मुंह में होने वाली बीमारी (एफएमडी) तथा ब्रूसेलोसिस और भेड़ व बकरियों में पेस्टे डेस पेटिस रुमिनेंट (पीपीआर) को वर्ष 2025 तक समाप्त किया जाएगा।
- दीनदयाल अंत्योदय योजना – गरीबी उन्मूलन के लिए 58 लाख एसएचजी के साथ 0.5 करोड़ परिवारों को जोड़ा गया।
- वेलनेस, जल एवं स्वच्छता
FUND ALLOTED
- वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए पोषण से संबंधित कार्यक्रमों के लिए 35,600 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव दिया।
- महिला विशेष कार्यक्रमों के लिए 28,600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया।
- मातृत्व में प्रवेश करने वाली बालिका की आयु से जुड़े संपूर्ण मुद्दे को इस दृष्टि से देखने की आवश्यकता है। इस संदर्भ में एक कार्यबल नियुक्त करने का प्रस्ताव दिया गया, जो अपनी अनुशंसाएं 6 माह की समयावधि में देगा।
- सीवर सिस्टमों अथवा सेप्टिक टैंकों की सफाई के कार्यों को मैनुअल तरीके से न करने को सुनिश्चित करने हेतु ऐसे कार्यों के लिए आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा की गई उपयुक्त प्रौद्योगिकियों की पहचान की व्यापक पैमाने पर स्वीकृति के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़े वर्गों के कल्याण हेतु वर्ष 2020-21 के लिए 85,000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया।
- अनुसूचित जाति के आगामी विकास और कल्याण के लिए 53,700 करोड़ रुपये प्रदान किए गए।
- वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए वर्ष 2020-21 हेतु 9,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया।
- समग्र स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 69,000 करोड़ रुपये का आवंटन।
- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम जय) के लिए 6400 करोड़ रुपये (69,000 करोड़ रुपये में से) का आवंटन :
- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम जय) के अंतर्गत 20,000 से भी अधिक अस्पतालों को पैनल में पहले ही शामिल किया जा चुका है।
- पीपीपी व्यवस्था के तहत अस्पतालों के निर्माण के लिए कम पड़ रही राशि के इंतजाम (वायबिलिटी गैप फंडिंग या वीजीएफ) वाली विंडो अथवा प्रकोष्ठ बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
- उन आकांक्षी जिलों को पहले चरण में कवर किया जाएगा, जहां आयुष्मान से जुड़े पैनल में कोई भी अस्पताल नहीं है।
- मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करने वाली उपयुक्त निवारणकारी व्यवस्था के जरिए बीमारियों को लक्षित किया जाएगा।
- जन औषधि केन्द्र योजना के तहत वर्ष 2024 तक सभी जिलों में 2000 दवाओं और 300 शल्य चिकित्सा की पेशकश की जाएगी।
- ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’ अभियान शुरू किया गया – वर्ष 2025 तक तपेदिक को समाप्त करने की प्रतिबद्धता।
- जल जीवन मिशन के लिए 3.60 लाख करोड़ रुपये मंजूर :
- वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 11,500 करोड़ रुपये
- स्थानीय जल स्रोतों की संख्या बढ़ाना, मौजूदा जल स्रोतों का पुनर्भरण और जल संचय तथा खारेपन को दूर करने को प्रौत्साहन देना।
- 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों को चालू वित्त वर्ष के दौरान ही इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- वर्ष 2020-21 में स्वच्छ भारत मिशन के लिए 12,300 करोड़ रुपये का आवंटन:
- ओडीएफ से जुड़ी प्रवृत्ति को बनाए रखने के लिए ‘ओडीएफ-प्लस’ के लिए प्रतिबद्धता।
- द्रव एवं धूसर जल के प्रबंधन पर विशेष बल
- ठोस अपशिष्ट के संग्रह, स्रोत पर ही अपशिष्ट को अलग-अलग करना एवं प्रोसेसिंग पर भी फोकस
शिक्षा एवं कौशल
- वित्त वर्ष 2020-21 में शिक्षा क्षेत्र के लिए 99,300 करोड़ रुपये और कौशल विकास के लिए 3000 करोड़ रुपये का आवंटन।
- नई शिक्षा नीति की घोषणा जल्द ही की जाएगी।
- पुलिस संबंधी विज्ञान, फॉरेंसिक विज्ञान, साइबर-फॉरेंसिक, इत्यादि के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना करने का प्रस्ताव किया गया है।
- राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क के अंतर्गत आने वाले शीर्ष 100 संस्थानों द्वारा डिग्री स्तर का पूर्णकालिक ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
- शहरी स्थानीय निकायों द्वारा नये इंजीनियरों को एक वर्ष तक की इंटर्नशिप दी जाएगी।
- बजट में पीपीपी व्यवस्था के तहत एक मेडिकल कॉलेज को एक मौजूदा जिला अस्पताल से संबद्ध करने का प्रस्ताव किया गया है।
- स्वास्थ्य और कौशल विकास मंत्रालय द्वारा विशेष ब्रिज कोष तैयार किए जाएंगे:
- शिक्षकों, नर्सों, पैरा-मेडिकल स्टाफ और देखभाल करने वालों के लिए विदेशी मांग को पूरा किया जाएगा।
- कार्यबल और नियोक्ताओं के मानकों के कौशल संयोजन में समतुल्यता लाई जाएगी।
- 150 उच्च शिक्षण संस्थान मार्च 2021 तक अप्रेंटिसशिप युक्त डिग्री/डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू कर देंगे।
- शिक्षा क्षेत्र के लिए विदेशी वाणिज्यिक उधारी एवं एफडीआई को सुनिश्चित किया जाएगा।
- ‘भारत में अध्ययन’ कार्यक्रम के तहत इंड-सैट को एशियाई एवं अफ्रीकी देशों में शुरू करने का प्रस्ताव है।
- आर्थिक विकास
उद्योग, वाणिज्य एवं निवेश
- उद्योग और वाणिज्य के विकास एवं संवर्धन हेतु वर्ष 2020-21 के लिए 27,300 करोड़ रुपये आवंटित।
- निवेश मंजूरी प्रकोष्ठ स्थापित करने का प्रस्ताव है :
- समग्र रूप से सुविधा एवं सहयोग प्रदान करने
- एक पोर्टल के जरिए काम करना
- पांच नवीन ‘स्मार्ट सिटी’ को विकसित करने का प्रस्ताव है।
- मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और सेमी-कंडक्टर पैकेजिंग के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए योजना शुरू करने का प्रस्ताव है।
- राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन शुरू किया जाएगा:
- वर्ष 2020-21 से लेकर वर्ष 2023-24 तक की चार वर्षीय कार्यान्वयन अवधि के साथ
- 1480 करोड़ रुपये का अनुमानित परिव्यय
- भारत को तकनीकी वस्त्रों के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाया जाएगा।
- ज्यादा निर्यात ऋणों का वितरण सुनिश्चित करने के लिए नई योजना ‘निर्विक’ शुरू की जाएगी, जिसमें निम्नलिखित बातें होंगी:
- ज्यादा बीमा कवरेज
- छोटे निर्यातकों के लिए प्रीमियम में कमी
- दावों के निपटान के लिए सरल प्रक्रिया।
- गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) के कारोबार को बढ़ाकर 3 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचाने का प्रस्ताव किया गया है।
- ‘निर्यात उत्पादों पर शुल्कों एवं करों में संशोधन के लिए योजना’ शुरू की जाएगी।
- केन्द्र, राज्य और स्थानीय स्तरों पर लगाए जाने वाले करों का रिफंड निर्यातकों को डिजिटल रूप में दिया जाएगा, जिनपर छूट नहीं है या जिन्हें रिफंड नहीं दिया जाता है।
- प्रधानमंत्री के जीरो डिफेक्ट-जीरो इफेक्ट विनिर्माण विज़न के अनुरूप सभी मंत्रालय गुणवत्ता मानक जारी करेंगे।
अवसंरचना
- अगले 5 वर्षों के दौरान अवसंरचना पर 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
- राष्ट्रीय अवसंरचना पाइप लाइन
- 31 दिसंबर, 2019 को 103 लाख करोड़ रुपये मूल्य की परियोजनाएं लांच की गई।
- विकास के चरण और आकार के आधार पर 6500 से अधिक परियोजनाओं का वर्गीकरण किया जाएगा।
- राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति को जल्द ही जारी किया जाएगाः
- केन्द्र सरकार राज्य सरकारों और प्रमुख नियामकों की भूमिकाओं को सुस्पष्ट किया जाएगा।
- एकल खिड़की की लॉजिस्टिक बाजार की स्थापना की जाएगी।
- रोजगार सृजन, कौशल और एमएसएमई को प्रतिस्पर्धी बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- भारतीय कौशल विकास एजेंसी अवसंरचना- विशेष, कौशल, विकास अवसरों पर विशेष ध्यान देगा।
- अवसंरचना परियोजनाओं के लिए परियोजना तैयारी सुविधा का प्रस्ताव।
- युवा इंजीनियरों, प्रबंध स्नातकों तथा विश्वविद्यालयों के अर्थशास्त्रियों को सक्रिय रूप से जोड़ा जाएगा।
- सरकार की अवसंरचना एजेंसियां स्टार्ट-अप्स में युवा शक्ति को भागीदार बनाएंगी।
- 2020-21 में परिवहन अवसंरचना के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये का प्रस्ताव।
राजमार्गः
- राजमार्गों के तेजी से विकास पर ध्यान दिया जाएगा, इसमें शामिल हैं
- पहुंच नियंत्रण राजमार्ग- 2500 किलोमीटर
- आर्थिक गलियारा- 9000 किलोमीटर
- तटीय और भूमि पत्तन सड़के- 2000 किलोमीटर
- रणनीतिक राजमार्ग- 2000 किलोमीटर
- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और दो अन्य पैकेज 2023 तक पूरे हो जाएगे।
- चेन्नई-बेंगलुरु एक्सप्रेस-वे की शुरूआत होगी।
- 6000 किलोमीटर से अधिक की लम्बाई वाले 12 राजमार्ग समूहों के मुद्रीकरण का प्रस्ताव।
भारतीय रेलः पांच उपाए
- रेल पटरियां के किनारे सौर ऊर्जा की उच्च क्षमता स्थापित की जाएगी।
- 4 स्टेशनों की पुनर्विकास परियोजनाएं और पीपीपी के माध्यम से 150 यात्री ट्रेनों का संचालन।
- आईकॉनिक पर्यटन गंतव्य को जोड़ने के लिए तेजस जैसी ट्रेने।
- मुम्बई और अहमदाबाद के बीच हाईस्पीड ट्रेन पर सक्रियता से काम।
- 148 किलोमीटर लम्बी बेंगलुरु उप-नगरीय परिवहन परियोजना के लिए 18,600 करोड़ रुपये, मेट्रो प्रारूप के अनुसार किराया तय किया जाएगा। केन्द्र सरकार 20 प्रतिशत का लागत वहन करेगी और परियोजना लागत का 60 प्रतिशत बाहरी सहायता से उपलब्ध कराने की सुविधा देगी।
रतीय रेल की उपलब्धियाः
- 550 स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा।
- कोई मानवरहित क्रॉसिंग नहीं।
- 27000 किलोमीटर की रेल लाईन का विद्युतीकरण।
पत्तन और जलमार्गः
- कम से कम एक बड़े पत्तन के निगमीकरण और स्टॉक एक्सेंज में इसे सूचीबद्ध करने पर विचार किया जाएगा।
- अधिक कार्यदक्ष पत्तनों के लिए वैश्विक मानदंडों के अनुरूप सरकार की नीतिगत रूपरेखा।
- प्रधानमंत्री के अर्थ गंगा संकल्पना के अनुरूप नदी के तटों पर आर्थिक गतिविधियों को तेज किया जाएगा।
- उड़ान योजना के तहत 100 और हवाई अड्डों को 2024 तक पुनर्विकसित किया जाएगा।
- इसी अवधि के दौरान हवाई जहाजों की संख्या वर्तमान के 600 से 1200 हो जाने की उम्मीद।
विद्युतः
- स्मार्ट मीटर को बढ़ावा।
- बिजली वितरण कम्पनियों में सुधार के लिए विभिन्न उपाय।
ऊर्जाः
- 2020-21 में ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए 22000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव।
- राष्ट्रीय गैस-ग्रिड को वर्तमान के 16200 किलोमीटर से 27000 किलोमीटर के विस्तार का प्रस्ताव।
- पारदर्शी मूल्य और लेनदेन में आसानी की सुविधा के लिए और सुधार।
नई अर्थव्यवस्थाःनई तकनीकों का लाभ लेना
- निजी क्षेत्र के द्वारा पूरे देश में डाटा सेंटर पार्क बनाने के लिए नीति जल्द ही लाई जाएगी।
- भारतनेट के माध्यम से इस वर्ष 1 लाख ग्राम पंचायतों को फाइबर-टू-द-होम (एफटीटीएच) से जोड़ा जाएगा।
- 2020-21 में भारतनेट कार्यक्रम के लिए 6000 करोड़ रुपये का प्रस्ताव।
- स्टार्ट-अप्स के लाभ के लिए प्रस्तावित उपायः
- आईपीआर के निर्बाध अनुप्रयोग और नियंत्रण की सुविधा देने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म को बढ़ावा दिया जाएगा।
- नए और उभरते क्षेत्रों समेत विभिन्न प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में ज्ञान अनुवाद क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे।
- अवधारणा के साक्ष्य की डिजाइनिंग, इनके निर्माण और वैधीकरण के लिए और इन टेस्ट बेड्स को संपोषित करते हुए प्रौद्योगिकी कलस्टरों का स्तर आगे बढ़ाने के लिए छोटे पैमाने पर विनिर्माण कार्य सुविधा केन्द्रों की स्थापना की जाएगी।
- भारत के जेनेटिक लैंडस्केप की मैपिंग के लिए एक व्यापक डाटाबेस के सृजन के लिए दो नवीन राष्ट्रीय स्तर की विज्ञान योजनाओं का शुभारंभ किया जाएगा।
- स्टार्टअप्स के पहले चरण के उद्भावन और विकास को बढ़ावा देने के लिए सीड फंड सहित प्रारम्भिक निधि पोषण प्रदान करने का भी प्रस्ताव है।
- क्वांटम प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों पर राष्ट्रीय अभियान के लिए 5 वर्ष की अवधि हेतु 8,000 करोड़ रुपये के परिव्यय प्रदान करने का प्रस्ताव दिया गया।
संस्कृति और पर्यटन
- पर्यटन संवर्द्धन के लिए वर्ष 2020-21 हेतु 2,500 करोड़ रुपये का आवंटन।
- वर्ष 2020-21 के लिए संस्कृति मंत्रालय हेतु 3,150 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया।
- संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय धरोहर और संरक्षण संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया। इसे प्रारंभ में मानद विश्वविद्यालय का दर्जा भी प्राप्त होगा।
- स्थानिक संग्रहालय वाले प्रतिमान स्थलों के रूप में पांच पुरातत्व स्थलों का विकास किया जाएगाः
राखीगढ़ी (हरियाणा)
हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश)
शिवसागर (असम)
धौलाविरा (गुजरात)
अदिचनल्लूर (तमिलनाडु)
- प्रधानमंत्री द्वारा जनवरी 2020 में कोलकाता के भारतीय संग्रहालय के पुनरूद्धार की घोषणा की गई।
- कोलकाता में ऐतिहासिक पुराने टक्साल भवन में मुद्रा-विषयक और व्यापार पर एक संग्रहालय भी स्थित होगा।
- पूरे देश में चार और संग्रहालयों का नवीनीकरण और रीक्यूरेशन किया जाएगा।
- झारखंड के रांची में एक जनजातीय संग्रहालय की स्थापना के लिए सहयोग।
- अहमदाबाद के निकट हड़प्पा युग के नौवहन स्थल – लोथल में पोत परिवहन मंत्रालय द्वारा एक पोत संग्रहालय की स्थापना की जाएगी।
- राज्य सरकारों के द्वारा कुछ चिन्हित स्थानों के लिए एक योजना तैयार किए जाने की उम्मीद है। 2021 के दौरान वित्तीय योजना तैयार की जाएगी, जिसके तहत 2020-21 में राज्यों को विशिष्ट अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।
पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन
- वर्ष 2020-21 के लिए इस उद्देश्य हेतु 4,400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया।
- अत्यधिक मात्रा में कार्बन उत्सर्जन करने वाले विद्युत संयंत्रों के लिए निर्धारित मानकों के अनुरूप उन्हें चलाने और उनके लिए खाली भूमि का वैकल्पिक उपयोग करने का प्रावधान।
- 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले बड़े नगरों में स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के द्वारा बनाई जा रही योजनाओं को कार्यान्वित करते हुए प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- प्रधानमंत्री ने दिल्ली सचिवालय के साथ आपदा उन्मोचन अवसंरचना सम्मिलन (सीडीआरआई) का शुभारंभ किया। अंतर्राष्ट्रीय सौर सहयोग के प्रारंभ के बाद यह दूसरी अंतर्राष्ट्रीय पहल है।
अभिशासन
- निष्पक्ष, भ्रष्टाचार मुक्त, नीति संचालित, सही इरादे और सर्वाधिक महत्वपूर्ण निष्ठा में विश्वास।
- कर शासन में निष्पक्षता और कुशलता लाने के लिए करदाता चार्टर का गठन किया जाएगा।
- विधानों में कार्यों के लिए सिविल प्रकृति की आपराधिक जिम्मेदारी को ठीक करने के लिए कंपनी अधिनियम में संशोधन किया जाएगा।
- एआई सहित नवीनतम प्रौद्योगिकियों के उपयोग को प्रोत्साहन।
- अत्याधुनिक डाटा संग्रहण, समेकित सूचना पोर्टल और समय से सूचना के प्रसार की दिशा में एक कार्य योजना।
- भारत में 2022 में आयोजित होने वाले जी-20 की अध्यक्षता के लिए तैयारियां शुरू करने हेतु कुल 100 करोड़ रुपये आवंटित।
पूर्वोत्तर क्षेत्र का विकासः
- सरकार द्वारा ऑनलाइन पोर्टल के इस्तेमाल से धन के अंतरण में सुधार।
- बहुपक्षीय एवं द्विपक्षीय वित्त पोषण एजेंसियों की वित्तीय सहायता के लिए पहुंच में सुधार।
- केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख का विकासः
- वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 30,757 करोड़ रुपये का प्रावधान।
- केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख के लिए 5958 करोड़ रुपये का प्रावधान।
वित्तीय क्षेत्र सार्वजनिक बैंकों में सुधारः
- 10 बैंकों को 4 बैंकों में परिणत किया गया।
- 3,50,000 करोड़ रुपये की पूंजी दी गई।
- सार्वजनिक बैंकों में पारदर्शिता लाने तथा बेहतर पेशेवरवाद के लिए शासन में सुधार लाने पर जोर दिया गया।
- कई सार्वजनिक बैंकों को अतिरिक्त पूंजी जुटाने के लिए पूंजी बाजार में पहुंच के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
- जमा बीमा तथा क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीडीसी) ने जमा बीमा दायरे को प्रति जमाकर्ता 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की अनुमति दी।
- जमाकर्ताओं के धन को सुरक्षित रखते हुए, एक सशक्त प्रणाली द्वारा अनुसूचित वाणिज्यकि बैंकों के स्वास्थ्य की निगरानी ।
- बैंकिंग नियमन अधिनियम में संशोधन द्वारा सहकारिता बैंकों का सशक्तिकरणः
- पेशेवरवाद में वृद्धि।
- पूंजी तक पहुंच में आसानी।
- शासन में सुधार तथा भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से ठोस कारोबार के लिए निर्देश ।
- ऋण वसूली के लिए एनबीएफसी की पात्रता सीमा घटाई गईः
- 500 करोड़ रुपये से 100 करोड़ रुपये का संसाधन।
- 1 करोड़ रुपये से 50 लाख रुपये का ऋण।
- बैंकिंग प्रणाली में निजी पूंजीः
- सरकार स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से आईडीबीआई बैंक में अपनी शेष हिस्सेदारी को निजी, खुदरा तथा संस्थागत निवेशकों को बेचेगी।
- रोजगार के दौरान आवागमन में आसानीः
- सार्वभौमिक पेंशन सुरक्षा में स्वतः प्रवेश।
- धन की सुरक्षा के लिए अंतर-संचालनीय प्रणाली।
- भारतीय पेंशन निधि नियामक विकास प्राधिकरण में संशोधन करकेः
- पीएफआरडीएआई की नियामक भूमिका को मजबूत किया जाएगा।
- पीएफआरडीएआई से सरकार कर्मचारियों के लिए एनपीएस ट्रस्ट को अलग करने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
- सरकारी कर्मचारियों से भिन्न कर्मचारियों द्वारा पेंशन ट्रस्ट की स्थापना हो पाएगी। हो पाएगी।
घटक नियामन नियमन अधिनियम 2011 के संशोधन द्वाराः
- टीआरईडीएस के माध्यम से एमएसएमई का वित्तपोषण बढ़ाने में एनबीएफसी सक्षम बनेगा।
- बैंकों द्वारा एमएसएमई के उद्यमियों के लिए सहायक ऋण प्रदान करने हेतु नई योजनाः
- इसे अर्ध-प्रतिभूति के रूप में गिना जाएगा।
- एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट के माध्यम से पूरी गारंटी होगी।
- सरकार द्वारा तदनुसार सीजीटीएमएसई के लिए धन जुटाया जाएगा।
- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एमएसएमई की ऋण पुनर्संरचना हेतु विन्डो को 31 मार्च तक एक वर्ष के लिए बढ़ाया जाएगा।
- अब तक 5 लाख से अधिक एमएसएमई को लाभ मिला
- एमएसएमई के लिए ऐप आधारित इनवायस फाइनांसिंग लॉन प्रोडक्ट की शुरूआत।
- भुगतान में देरी की समस्या के निराकरण के लिए उठाया गया कदम।
- एमएसएमई का निर्यात संवर्धनः
- भेषज, मोटर वाहन पुर्जे तथा अन्य जैसे चुनिंदा क्षेत्रों के लिए
- एक्सिम बैंक और सिडबी द्वारा 1000 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गई।
- प्रौद्योगिकी उन्नयन, अनुसंधान एवं विकास, कारोबार की कार्यनीति आदि के लिए सहायता।
वित्तीय बाजार बांड बाजार को सशक्त बनानाः
- कुछ विनिर्दिष्ट सरकारी प्रतिभूतियों की श्रेणियों को गैर निवासी निवेशकों के लिए भी पूरी तरह खोला जाएगा।
- कारपोरेट बांडों में एफपीआई की सीमा को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया गया।
अवसंरचना वित्तपोषण
- 103 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइप लाइन परियोजना की घोषणा की गई।
- आईआईएफसीएल तथा एनआईआईएफ जैसी अवसंरचना वित्त कंपनियों की सहायता के लिए 22000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे।
- आईएफएससी, गिफ्ट सिटी : इनमें अंतर्राष्ट्रीय वित्त तथा सर्वोत्तम डेटा प्रोसेसिंग का केन्द्र बनने की क्षमता है।
- विनियामक के अनुमोदन से वैश्विक बाजार भागीदारों द्वारा व्यापार के लिए अतिरिक्त विकल्प के रूप में एक अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंज की स्थापना की जायेगी।
विनिवेश
- सरकार आरंभिक सार्वजनिक पेशकश द्वारा एलआईसी में अपनी शेयर पूंजी का हिस्सा बेचने का प्रस्ताव करती है।
राजकोषीय प्रबंधन
- 15वां वित्त आयोग (एफसी)
- 15वें वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 2020-21 से संबंधित अपनी पहली रिपोर्ट दे दी है।
- इसकी सिफारिशें महत्वपूर्ण प्रयास के रूप में स्वीकार कर ली गई है।
- 2020-21 से शुरू होने वाले 5 वर्षों के लिए आयोग अपनी अंतिम रिपोर्ट वर्ष के बाद वाले हिस्से में प्रस्तुत करेगा।
- जीएसटी क्षतिपूर्ति निधि
- वर्ष 2016-17 और 2017-18 के संग्रहण में से देय बकाया राशि दो किस्तों में कोष में हस्तांतरित की जानी है।
- इसके पश्चात, इस निधि में स्थानतरित जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर के द्वारा संग्रहण तक ही सीमित होगा।
- केन्द्रीय प्रोयोजित योजना और केन्द्रीय क्षेत्र योजनाओं का कायाकल्प आवश्यक है।
- उभरती हुई सामाजिक और आर्थिक जरूरतों के अनुसार बनना कल की जरूरत है।
- सीमित सरकारी संसाधनों का उचित उपयोग सुनिश्चित हो।