विनायक दामोदर सावरकर को खास बनाती हैं उनके जीवन की ये 10 बातें
विनायक दामोदर सावरकर को खास बनाती हैं उनके जीवन की ये 10 बातें
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*वीर सावरकर ने राष्ट्रध्वज तिरंगे के बीच में धर्म
चक्र लगाने का सुझाव सर्वप्रथम दिया था जिसे राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने
माना।
* उन्होंने
ही सबसे पहले पूर्ण स्वतंत्रता को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का लक्ष्य घोषित किया। वे ऐसे प्रथम
राजनीतिक बंदी थे जिन्हें विदेशी (फ्रांस) भूमि पर बंदी बनाने के कारण हेग के
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मामला पहुंचा।
* वे पहले
क्रांतिकारी थे जिन्होंने राष्ट्र के सर्वांगीण विकास का चिंतन किया तथा बंदी जीवन
समाप्त होते ही जिन्होंने अस्पृश्यता आदि कुरीतियों के विरुद्ध आंदोलन शुरू किया।
* दुनिया के
वे ऐसे पहले कवि थे जिन्होंने अंडमान के एकांत कारावास में जेल की दीवारों पर कील
और कोयले से कविताएं लिखीं और फिर उन्हें याद किया। इस प्रकार याद की हुई 10 हजार
पंक्तियों को उन्होंने जेल से छूटने के बाद पुन: लिखा।
* सावरकर
द्वारा लिखित पुस्तक 'द इंडियन
वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस-1857 एक
सनसनीखेज
पुस्तक
रही जिसने ब्रिटिश शासन को हिला डाला था।
* विनायक दामोदर सावरकर दुनिया के अकेले स्वातंत्र्य-योद्धा थे
जिन्हें 2-2 आजीवन
कारावास की सजा मिली, सजा को
पूरा किया और फिर से वे राष्ट्र जीवन में सक्रिय हो गए।
* वे विश्व
के ऐसे पहले लेखक थे जिनकी कृति 1857 का प्रथम स्वतंत्रता को 2-2 देशों ने
प्रकाशन से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया।
* वे पहले
स्नातक थे जिनकी स्नातक की उपाधि को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के कारण
अंग्रेज सरकार ने वापस ले लिया।
* वीर
सावरकर पहले ऐसे भारतीय विद्यार्थी थे जिन्होंने इंग्लैंड के राजा के प्रति
वफादारी की शपथ लेने से मना कर दिया। फलस्वरूप उन्हें वकालत करने से रोक दिया गया।
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